भागलपुर जिले के मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के नूरपुर में रविवार की देर रात नकाबपोश बदमाशों ने कोचिंग संचालक के सामने बम पटक दिया, जिसमें कोचिंग संचालक बाल-बाल बच गए। विस्फोट की आवाज सुन लोग घटनास्थल की ओर दौड़े तो बदमाश फायरिंग कर भाग गए। पुलिस ने तीन अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

घटना के बाबत नूरपुर वार्ड तीन के निवासी बलराम कुमार ठाकुर के पुत्र  जीत राणा ने बताया कि वे अनाथालय रोड निवासी अपने मित्र सूर्य प्रकाश लाल के साथ शेखपुरा से घर लौट रहे थे। पहले उन्होंने अपने मित्र को उनके घर छोड़ा और वापस अकेले कार में अपने घर नूरपुर आने लगे। नाथनगर स्टेशन केबिन के पास जैसे पहुंचे तीन बाइक सवार बदमाश उनके पीछे लग गए और ओवरटेक करना शुरू कर दिया। रात काफी हो चुकी थी उन्होंने गाड़ी रोकना उचित नहीं समझा। सीधे कार लेकर अपने घर आये। जैसे उन्होंने कार की गेट को खोला और बाहर निकले तीनों बदमाश उनसे उलझ गए और गाली-गलौज शुरू कर दिया। 

तीनों बदमाशों का चेहरा मंकी टोपी से ढका था। बदमाशों ने लूटपाट व जान से मारने की नीयत से उनके सामने एक बम पटक दिया। जिससे वह किसी तरह बच गए। विस्फोट की आवाज सुनकर आसपास के लोग भी बाहर दौड़े। लोगों को आते देख एक बदमाश ने फायरिंग किया जिसमें शायद वे खुद ही घायल हो गए। क्योंकि जब बदमाश बाइक से भाग रहे थे तब एक बदमाश के हाथ से खून टपक रहा था। दूसरी गोली मारने के लिए जैसे बदमाश ने पॉकेट में हाथ डाला दो जिंदा गोली उनके पॉकेट से नीचे गिर गयी। 

मामले पर मधुसूदनपुर ओपी के प्रभारी थानाध्यक्ष संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि आवेदक के लिखित शिकायत पर तीन अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध विस्फोटक अधिनियम व आर्म्स एक्ट की धारा में एफआईआर दर्ज किया गया है। घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज मिला है। बदमाशों को चिह्नित कर जल्द उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। घटनास्थल से विस्फोटक का नमूना लिया गया है। 

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों की करते थे मदद

वहीं स्थानीय लोगों ने दबी जुबान में बताया कि सिपाही भर्ती परीक्षा हो या कोई अन्य परीक्षा कोचिंग संचालक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं को नौकरी पाने तक मदद करते थे। हो सकता है कभी किसी छात्र की प्रतियोगिता परीक्षा खराब हुई हो जिसको लेकर ऐसी घटना हो गयी। स्थानीय पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। हालांकि संचालक ने बताया कि कोरोना के समय से ही वे स्थायी रूप से कोचिंग नहीं चला पा रहे थे। उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। न ही कभी से उनका कोई झगड़ा मारपीट हुआ है।  इनके पास ज्यादातर गरीब तबके के ही छात्र कंपटीशन की तैयारी के लिए पहुंचते थे।