केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बिहार वापस आए भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी केके पाठक को निबंधन, उत्पाद एवं मद्यनिषेध विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने बुधवार को इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे केके पाठक पदस्थापन के लिए प्रतीक्षारत थे। पाठक को जिम्मेवारी देने के साथ ही निबंधन, उत्पाद एवं मद्यनिषेध का अतिरिक्त प्रभार देख रहे अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद को इस विभाग से मुक्त कर दिया गया है। 

उल्लेखनीय है कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के समय केके पाठक ही उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव थे। बिहार में शराबबंदी को सफलतापूर्वक लागू करने में इनकी अहम भूमिका थी। उनके उसी योगदान को देखते हुए सरकार ने एक बार फिर से उन्हें इसी विभाग में अपर मुख्य सचिव की जिम्मेवारी दी है।

कौन हैं केके पाठक

केके पाठक 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे यूपी के रहने वाले हैं लेकिन 2015 में जब महागठबंधन सरकार सत्ता में आई थी तो ये दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर थे। उस समय उनकी बिहार में वापसी कराई गई थी। वे बिहार के ऐसे कड़क आईएएस अधिकारी हैं जिनका नाम सुनकर अच्छे-अच्छे माफियाओं के छक्के छूट जाते हैं। कुछ उन्हें हद से ज्यादा जिद्दी तो कुछ जुनूनी अधिकारी बताते हैं। अब एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार ने अपने पुराने अधिकारी पर भरोसा जताया है और उन्हें राज्य में शराबबंदी को सफल बनाने की कमान सौंपी है।

लालू को करना पड़ा था ट्रांसफर

जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे तब केके पाठक की तैनाती उनके गृह जिले गोपालगंज में बतौर डीएम हुई थी। लालू के करीबी पाठक की कार्यशैली से इस कदर परेशान हो गए थे कि आखिर में लालू को उनका ट्रांसफर करके सचिवालय बुलाना पड़ा। हालांकि ये पाठक की बतौर डीएम दूसरी तैनाती थी।