बिहार में साल 2016 से ही शराबबंदी है। यह बंदी सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रहा है। उनके शराबबंदी के सफल बनाने के सपने की शराब तस्कर हवा निकाल रहे हैं। विपक्ष की यह बात और आरोप भी सच साबित होता रहता है कि शराब की खरीद-बिक्री और सेवन पर रोक के बावजूद हर जगह बिक रहा है। विपक्ष का आरोप रहता है कि सूबे में शराब दिखता कहीं नहीं है, लेकिन बिकता/मिलता हर जगह है। यह कहने में दो मत नहीं कि शराब की तस्करी से जुड़े लोग शराबबंदी को मजाक बना रखे हैं। सीतामढ़ी जिले में शनिवार को जितनी गाडियां और शराब जब्त की गई है, वह आंकड़ा जानकर हर कोई चौंक जायेगा।

सरकारी व्यवस्था पर बड़ा सवाल
जिले में बड़ी मात्रा में शराब जब्त की गई है। पुलिस की यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। पुलिस इस सफलता पर खुश है और बड़ी कामयाबी मानती है, लेकिन ऐसे लोग भी है कि शराब बरामद होने पर ‘सरकारी व्यवस्था’ पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि बिना सरकारी तंत्र के मदद के दूसरे राज्यों से अनगिनत पुलिस चौकियां/थाना को पार कर आखिर सीतामढ़ी जिला में शराब से लदी ये गाडियां कैसे पहुंच गई और पहुंच जाती है। सरकार को जांच कराकर ऐसे सरकारी सेवकों की पहचान कर कड़ी और ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है, जो अप्रत्यक्ष रूप से शराब तस्करों का साथ देते हैं।

पांच गाड़ियों से 722 कार्टन शराब जब्त
यह सफलता महिंदवारा थाना पुलिस को लगी है, जो एक ट्रक और चार पिक अप से 722 कार्टन शराब को जब्त की है। इसकी पुष्टि सदर डीएसपी राम कृष्णा ने की है। उन्होंने बताया कि 750 एमएल 238 कार्टन, 375 एमएल 236 कार्टन और 180 एमएल 348 कार्टन शराब यानी कुल 20412 बोतल शराब जब्त की गई है। बताया कि इस धंधे में शामिल तस्करों की पहचान की जा रही है। मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वाहनों के साथ ही शराब को जब्त कर लिया गया है।

पुलिस वालों की तस्करों से ‘दोस्ती’
जिले में पुलिस की तस्करों से ‘दोस्ती’ कोई छुपी हुई नहीं है। जिले के आधा दर्जन पुलिस पदाधिकारियों को शराब कांड में जेल की हवा भी खानी पड़ी है। दो-तीन माह पूर्व भी जिले के दो पुलिस अफसरों का शराब तस्करों के संग ‘दोस्ती’ की पुष्टि होने के बाद एसपी ने निलंबित कर दिया था। दोस्ती की बात उजागर होने पर दोनों पुलिस पदाधिकारी फरार हो गए थे। वहीं, जिला के एक पुलिस कर्मी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। यह शराब कांड मुजफ्फरपुर जिला में हुआ था, जिसमें सीतामढ़ी के तीन पुलिस वालों का नाम आया था।