हिमालय की तलहटी पर बसा अररिया जिले में ठंड ने दस्तक दे दी है।मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है।दिन में तेज धूप तो रात में ठंड के साथ सुबह और शाम को धुंध रह रहा है।मौसम में लगातार बदलाव के कारण फ्लू और अन्य मौसमी बीमारियां भी दस्तक दे दी है और बड़ी संख्या में सदर अस्पताल समेत अनुमंडलीय अस्पताल और पीएचसी के ओपीडी में मरीज अपना इलाज कराने के लिए पहुंचने लगे हैं।

नवंबर बीतने पर ठंड ने दस्तक दी है।न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट होते देखा जा रहा है। सोमवार की सुबह अररिया,फारबिसगंज में इस मौसम की सबसे ठंडी सुबह रिकॉर्ड की गई। तापमान में कमी के कारण कनकनी बढ़ गई है। तापमान में गिरावट के साथ प्रदूषण का असर भी बढ़ने लगा है। जिले के शहरी इलाकों में हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में बन गयी है। सोमवार सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 206 रहा।

मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 24 नवंबर के बाद नेपाल से सटे मैदानी इलाकों में ठंड में और इजाफा हो सकता है।सोमवार को अररिया और फारबिसगंज में अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह-सुबह ठिठुरन महसूस होने लगी है। साथ ही धुंध की मोटी चादर से विजिबिलिटी दर में भी कमी आई है। माना जा रहा है कि पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी की वजह से मैदानी इलाकों के तापमान में गिरावट आई है।

उल्लेखनीय है कि शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब, और 401-500 को गंभीर माना जाता है। ठंड बढ़ने के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक में बढ़ोतरी की भी आशंका है।

INPUT : HINDUSTHAN SAMACHAR