बिहार में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत आठ जिलों में करीब 108 सिंचाई परियोजनाओं को ठीक करने करने का काम जनवरी 2023 से शुरू होगा. इन परियोजनाओं की लागत करीब 29 करोड़ रुपये है और इन सभी परियोजनाओं से 2023 में लोगों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है.

इनसे लाभान्वित जिलों में कैमूर, लखीसराय, नालंदा, नवादा, पटना, सुपौल, गया और मुजफ्फरपुर शामिल हैं. इस परियोजना से करीब पांच हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधाओं का विकास होगा. सूत्रों के अनुसार लघु जल संसाधन विभाग ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सिंचाई सुविधाओं में सुधार के लिए अपनी परियोजनाओं की रिपोर्ट मंगवायी थी.

इसमें करीब 125 आहर, पइन, चेकडैम, पोखर और वीयर की मरम्मत करने की आवश्यकता बतायी गयी थी. विभाग ने इनकी मरम्मत के लिए राशि जारी कर दी है. इनकी मरम्मत निर्माण एजेंसी के माध्यम से करायी जायेगी.

इन योजनाओं का होगा जीर्णोद्धार

•सीतामढ़ी जिले में पकड़ी मटवा उद्वह सिंचाई योजना,

•सीतामढ़ी जिले में बुलाकीपुर उद्वह सिंचाई योजना,

•सीतामढ़ी जिले में सहबाजपुर उद्वह सिंचाई योजना,

•सीतामढ़ी जिले में अथरी-2 उद्वह सिंचाई योजना,

•सीतामढ़ी जिले में रामपुर-सैदपुर उद्वह सिंचाई योजना,

•सीतामढ़ी जिले में बेलाही-नीलकंठ उद्वह सिंचाई योजना,

•समस्तीपुर जिले में लोचना नाला,

•समस्तीपुर जिले में सिरकटिया मोइन,

•गया जिले में सिमरहुआ पोखर,

•नवादा जिले में कुझा आहर,

•नवादा जिले में पेस आहर,

•नवादा जिले में श्रीरामपुर पोखर,

•नवादा जिले में सिमरिया-शिवगंज पोखर

नवादा जिले में केंदुआ आहर शामिल हैं.इन सभी के अलावा कैमूर जिले में 40 सिंचाई परियोजनाएं, औरंगाबाद जिले में आठ सिंचाई योजनाएं, गया जिले में सात सिंचाई परियोजनाएं, लखीसराय में नौ, नालंदा में 11, नवादा में एक, पटना में 16 व सुपौल में दो सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार का काम होगा.

INPUT : PRABHAT KHABAR