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राज्य के आठ जिलों के नये 103 बालू घाटों में खनन शुरू हो गया है. इनमें पटना, औरंगाबाद, रोहतास, गया, भोजपुर, सारण, जमुई और लखीसराय जिले शामिल हैं. इन जिलों में बालू खनन शुरू होने के साथ ही उचित दर में पर्याप्त मात्रा में बालू उपलब्ध होने से निर्माण कार्यों में तेजी आयेगी. 150 बालू घाटों की इ-नीलामी प्रक्रिया चार दिसंबर को पूरी हो गयी थी.

इनको पहले ही पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त है, केवल इन्हें बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) प्रमाणपत्र की आवश्यकता थी. यह फिलहाल 103 घाटों के ठेकेदारों को मिल चुका है. अन्य बालू घाटों के लिए भी सीटीओ प्रमाणपत्र अगले सप्ताह मिलने की संभावना है. इसके बाद वहां से भी खनन शुरू हो जायेगा. अब बालू के दामों मे गिरावट होने की उम्मीद है.

सूत्रों के अनुसार खनन राजस्व बढ़ने के बाद पांच जिलों पटना, भोजपुर, सारण, रोहतास और औरंगाबाद में बंदोबस्तधारियों ने एक मई 2021 से ही बालू का खनन बंद कर दिया था. वहीं, गया जिले के नदी घाटों के बंदोबस्तधारी ने भी इससे पहले बालू का खनन बंद कर दिया था. साथ ही अवैध खनन रोकने में विफल रहने का सरकार पर आरोप लगाया था.

हालांकि खान एवं भू-तत्व विभाग ने दावा किया था कि बालू के अवैध खनन और ढुलाई के खिलाफ लगातार अभियान में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां, अवैध बालू और उसे ढोने वाले वाहनों की जब्ती कर जुर्माना भी वसूले गये हैं.

आठ जिले के बालू घाटों की इ-नीलामी आज और कल

बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड ने 19 और 20 दिसंबर को आठ जिलों के बचे बालू घाटों की इ-नीलामी का समय तय कर दिया है. इनमें मधेपुरा, नवादा, बक्सर, वैशाली, अरवल, किशनगंज, बेतिया और बांका जिला शामिल हैं. इन जिलों में भी एक एजेंसी को अधिकतम दो बालू घाटों या 200 हेक्टेयर में से जो कम हो, उसकी बंदोबस्ती मिलेगी.