बिहार सरकार और शिक्षा विभाग के तरफ से राज्य के उन नियोजित टीचरों को बड़ी राहत मिली है। जिन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग के तरफ से आयोजित टीचर बहाली परीक्षा में सफलता हासिल की है। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है कि अब राज्य के अंदर पूर्व में ही बतौर नियोजित शिक्षक सेवा रहे टीचरों को दूसरे जिलों या दूसरे जिलों में नहीं जाना होगा बल्कि पहले की तरह से अपने स्कूल में सेवा देंगे और वह आप राज्यकर्मी होंगे।

दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से चयनित एवं अनुशंसित नवनियुक्त शिक्षकों में 28 हजार 200 नियोजित शिक्षक हैं, जो पूर्व से कार्यरत हैं। इन शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि नियुक्ति पत्र मिलने के बाद वे अपने पुराने विद्यालयों में ही योगदान देंगे।

वैसे भी इन शिक्षकों को 25 अक्टूबर से ही अपने-अपने विद्यालय में शिक्षण कार्य में लगाया गया है। अगर, ये कहीं प्रशिक्षण केंद्र में हैं तो वहां से जल्द ही योगदान हेतु प्रस्थान करेंगे। ताकि, स्कूलों में छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन बाधित नहीं हो। मालूम हो कि, बीपीएससी द्वारा चयनित कुल एक लाख, 20 हजार 336 में करीब 14 हजार (करीब 12 प्रतिशत) दूसरे राज्यों के हैं।

ये सभी प्राथमिक शिक्षक के रूप में चयनित हुए हैं। इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के हैं। वहीं, झारखंड, हरियाणा आदि राज्यों के अभ्यर्थी भी नियुक्त हुए हैं। जबकि कक्षा नौंवीं से बारहवीं तक के शिक्षक बनने के लिए एसटीईटी (माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा) आवश्यक था, जिसका आयोजन सिर्फ बिहार में ही होता है।

आपको बताते चलें कि, बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित सभी एक लाख 20 हजार 336 विद्यालय अध्यापकों को दो नवंबर को तदर्थ नियुक्ति पत्र मिलेंगे। पटना के गांधी मैदान में होने वाले कार्यक्रम में हर जिले से निर्धारित संख्या में विद्यालय अध्यापक आएंगे। यह जिलाधिकारी सुनिश्चित करेंगे। यहां कुल 25 हजार अध्यापक गांधी मैदान आएंगे।

INPUT : FIRST BIHAR