नगर निगम बोर्ड के गठन का एक वर्ष बीतने के बाद भी शामिल डुमरा नगर पंचायत के 11 वार्ड और ग्रामीण इलाके अब भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। निगम क्षेत्र में नगर पंचायत डुमरा के 11 वार्ड समेत 19 गांवों को शामिल किया गया था। लेकिन, उन गांवों में सड़क निर्माण व मरम्मत का कार्य एक वर्ष से बंद है।

इस कारण सड़कों के जर्जर हो जाने से लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि व्यवस्था के नाम पर निगम प्रशासन इन लोगों से बिजली, पानी और सफाई के नाम पर टैक्स लेता है। जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

नगर पंचायत से सीधे नगर निगम में शामिल हुए जिला मुख्यालय डुमरा में जलनिकासी की समस्या बनी हुई है। जिले के डीएम समेत सभी वरीय अधिकारियों के कार्यालय और आवास डुमरा में ही स्थित है। करीब 30 हजार आबादी वाले अवस्थित दर्जनों मोहल्ले बरसात में जलजमाव से प्रभावित रहते है।

इन इलाकों में सड़क एवं नाला के अभाव या बिना योजना के निर्माण के कारण बरसात के मौसम में मोहल्ला के अधिकांश इलाकों की स्थिति खराब हो जाती है। शहरी एवं ग्रामीण दोनों में से कोई भी सुविधा नहीं मिलने के कारण उस क्षेत्र के लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

इन क्षेत्रों को किया गया है शामिल नगर निगम के दायरे में शामिल गांव में सीतामढ़ी नगर परिषद के 28 वार्ड और डुमरा नगर पंचायत के 11 वार्डों के अलावा शहर से सटे खड़का, मधुबन, चकमहिला, इस्लामपुर, चंडीहा, खैरवा, पुनौरा पूर्वी, पुनौरा पश्चिमी, राजोपट्टी, भगवतीपुर, अमघट्टा, तलखापुर, सिमरा, माधोपुर रोशन, मेहसौल पूर्वी, मेहसौल गोट, मेहसौल पश्चिमी, मोहनपुर, बरियारपुर व भवदेपुर आदि गांव को शामिल किया गया।

नगर निगम के दायरे में वैसे गांव का चयन किया गया है, जहां 75 फीसद आबादी गैर कृषि कार्य में लगी है। नगर परिषद एवं नगर पंचायत के साथ ही चयनित गांवों को मिला कर 2.62 लाख की आबादी नगर निगम के दायरे में आंकी गई। नगर निगम बन जाने से सीतामढ़ी शहर में विकास की आस लोगों में जगी थी।

जलजमाव की समस्या को बैठक में जनप्रतिनिधियों और आम लोगों ने संज्ञान में दिया है। निगम के द्वारा इस संबंध में कार्य किए जा रहे हैं। जलनिकासी के लिए वॉटर ड्रेनेज समेत नए नालों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। धीरे-धीर समस्या दूर हो जाएगी। प्रमोद कुमार पांडे, आयुक्त, नगर निगम, सीतामढ़ी।

INPUT : BHASKAR