बिहार में भूमि के दाखिल खारिज के दस लाख से अधिक मामले लंबित पड़े हुए हैं। इसमें 93 हजार से अधिक ऐसे आवेदन हैं जो लंबे समय से सीओ कार्यालय में लंबित हैं। यह तथ्य ऑनलाइन म्यूटेशन रिपोर्ट में सामने आया है। सबसे अधिक अररिया जिले में 71 हजार से अधिक मामले लंबित हैं। शेखपुरा ऐसा जिला है, जहां मात्र पांच हजार दाखिल खारिज के मामले लंबित हैं। राज्य में दाखिल-खारिज एक बड़ी समस्या है जिससे आम आदमी परेशान है।

21 दिनों में दाखिल-खारिज का है नियम

नियमानुसार दाखिल खारिज के मामले 21 दिनों के अंदर निष्पादित करना है लेकिन अंचल कार्यालय में इसके निष्पादन की प्रक्रिया काफी धीमी है। प्रदेश में 10 लाख 61 हजार 292 लोगों की भूमि के दाखिल खारिज लंबित पड़े हैं। इसमें एक लाख 24 हजार 168 ऐसे लोग हैं, जिनका मामला समय पर निष्पादित नहीं किया जा सका है। अधिकारी दाखिल-खारिज को समय पर निष्पादित नहीं किए जाने का मुख्य कारण अंचल कार्यालयों में अधिक कामकाज का दबाव बता रहे हैं।

लाखों मामले डीसीएलआर कोर्ट में

प्रदेश में इस साल अब तक दाखिल खारिज के लिए 92 लाख 75 हजार 787 लोगों ने आवेदन किया है। इसमें 32 लाख 69 हजार 207 लोगों के आवेदन को अंचलाधिकारियों के स्तर से अस्वीकृत कर दिया गया है। ऐसे लोगों ने अपने-अपने मामले में डीसीएलआर कोर्ट में चुनौती दी है। हालांकि अपील करने वाले कई लोगों ने दावा किया है कि उनके आवेदन को बगैर कोई कारण स्पष्ट किए अस्वीकृत कर दिया गया है।

दस जिले, जहां सबसे अधिक लंबित हैं मामले

अररिया 71,106

सीतामढ़ी 62,131

पश्चिम चंपारण 61,648

पटना 58,163

मुजफ्फरपुर 51,909

गया 51,674

मधुबनी 51,116

दरभंगा 48,817

पूर्वी चंपारण 42,842

समस्तीपुर 34,581

गोपालगंज में सीओ हिरासत में, छह घंटे पूछताछ के बाद छोड़ा

भ्रष्टाचार व अनियमितता के आरोप में बुधवार को जिले के बरौली अंचल के सीओ कृष्णकांत चौबे को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कलेक्ट्रेट परिसर से आरोपित सीओ को पुलिस हिरासत में लेकर छह घंटे तक पूछताछ की। हालांकि देर शाम उन्हें छोड़ दिया गया। डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि आरोपित सीओ को निलंबित करने और नए सीओ की नियुक्ति के लिए सरकार को पत्र भेजा गया है।

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