कानपुर (ब्यूरो) इंद्रानगर दयानंद विहार के एम ब्लॉक स्थित मकान का नंबर-42 को करीब 25 साल पहले 25 साल पहले रामनाथ कोविंद ने खुद बनवाया था. काफी समय वह इस घर में रहे थे. घर के बाहर रामनाथ कोविंद की नेमप्लेट भी लगी है.

उन्होंने घर की पावर ऑफ एटॉर्नी आनंद कुमार को दी थी. उन्होंने ही कानपुर में मकान की रजिस्ट्री की है. घर में ड्राइंग रूम, 3 कमरे, वॉशरूम, बाथरूम, किचन और पीछे की तरफ सर्वेंट क्वार्टर है. घर सिर्फ एक फ्लोर में बना है.

डॉक्टर दंपति बोले, हमारा सौभाग्य
कोविंद का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रोटोकॉल और परंपरा के तहत उन्हें दिल्ली में बंगला मिला है. उनका परिवार अब वहीं रहेगा. इस घर को खरीदने वाले डॉ. शरद कहते हैं कि यह मेरा सौभाग्य है. ईश्वर ने कृपा की कि मुझे इस मकान में रहने का अवसर मिलेगा.

रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनते ही उनके इस घर को भी सुरक्षा घेरे में ले लिया गया था. प्रोटोकॉल के तहत पुलिस की एक कंपनी उनके आवास पर तैनात रहती थी. उनके आवास के चलते यह क्षेत्र वीआईपी एरिया का दर्जा रखता था.

कान्हा श्याम में रहते हैं दंपति
दंपति इसे पूर्व राष्ट्रपति की कृपा मानते हुए इसे प्रॉपर्टी के नजरिए से न देखने का अनुरोध करते हैं. कीमत भी वह खुद नहीं बताते हैं. वह दिल्ली में कोविंद से भेंट के बाद उनकी सरलता और सज्जनता की बार-बार प्रशंसा करते हैं. शरद और श्रीति बाला बिल्हौर में श्रीश नर्सिंग होम के नाम से प्राइवेट हॉस्पिटल चलाते हैं और कान्हा-श्याम में रहते हैं.

पूरे कार्यकाल में कभी नहीं आए
राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद इस घर में कभी नहीं आए. वो अपनी गांव की जमीन पहले ही दान दे चुके हैं. जहां स्कूल और सामाजिक कार्यों के लिए बारात घर बना है. कानपुर में उनका एक मात्र मकान बचा था, जिसे अब उन्होंने डॉक्टर दंपती को बेच दिया है. कोविंद के राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पत्नी सिर्फ एक बार कानपुर के दौरे में इस घर में आई थीं.

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