Medical syringes are seen with 'Monkeypox' sign displayed on a screen in the backgound in this illustration photo taken in Krakow, Poland on May 26, 2022. (Photo by Jakub Porzycki/NurPhoto via Getty Images)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किए जाने के बाद देश में भी इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्यों को मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया है. भारत में अब तक इस वायरस के तीन मामले आ चुके हैं. हैरानी की बात है कि दिल्ली में जिस व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है, उसका कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. ऐसे में बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने पटना जिले को मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट किया है.

बिहार के सर्विलांस अफसर डा. रणजीत कुमार ने बताया कि राज्य में अभी तक मंकीपॉक्स के संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. इसके बावजूद देश में फैलते संक्रमण को देखते हुए सभी जिलों को इससे संबंधित दिशा निर्देश जारी किया गया है. सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह अपने यहां आशा और एएनएम को इस बीमारी के बारे में बताए. यदि इसके सिम्टम्स का कोई व्यक्ति नजर आता है तो तुरंत विभाग को जानकारी दें. उसका सैंपल कलेक्ट किया जाएगा.

बता दें कि भारत में अब तक मिले 3 मामलों में मंकीपॉक्स का वायरस सेक्सुअल इंटरकोर्स के जरिए मरीजों तक पहुंचा है. इन में से 2 मामले केरल में सामने आए हैं. वहीं, दिल्ली के रहने वाले व्यक्ति को करीब 3 दिन पहले मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद भर्ती कराया गया था. उसके नमूने शनिवार को जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजे गए, जिसमें वह मंकीपाॅक्स वायरस से संक्रमित पाया गया.

वैश्विक स्तर पर, 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में, मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आए हैं, जिनमें से तीन भारत में और एक थाईलैंड में पाया गया है. हालांकि अब तक इस बीमारी के बारे में जो बात सामने उसमें समलैंगिकों में यह बीमारी अधिक तेजी से फैलते हुए देखा जा रहा है. इसको देखते हुए कई स्वास्थ्य एजेंसियों ने समलैंगिक पुरुषों को आगाह भी किया है.