चीन में इन दिनों कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि वहां 2020 के बाद सबसे बुरी स्थिति है. वहां पिछले कुछ हफ्ते में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ें हैं. ऐसे में भारत में भी इसे लेकर चिंताएं बढ़ने लगी हैं. कोरोना मामलों को देखते हुए चीन के कई शहरों में लॉकडाउन की स्थिति बन गई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले हफ्तों में चीन की स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव और बढ़ सकता है.

जीरो कोविड नीति के साथ रहेगा चीन

कोरोना के मद्देनजर चीन के कई शहरों में अस्थाई हॉस्पिटल तैयार किए गए हैं. इस बीच, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि देश ‘जीरो कोविड नीति’ के साथ रहेगा. जानकारी के मुताबिक, पिछले 10 हफ्तों में चीन में 14000 से भी अधिक मामले सामने आ गए हैं और इसमें ओमिक्रॉन वेरिएंट के केस सबसे ज्यादा हैं. इसके चलते कई जगहों पर लॉकडाउन भी लगाया गया है. बताया जा रहा है कि, चीन के इस लॉकडाउन से देश के अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ सकता है.


कोरोना टेस्ट को लेकर मारामारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में कोरोना टेस्ट को लेकर कई जगह मारामारी के सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा चीन की सख्त ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ के तहत लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है. चीन में कोरोना से सबसे प्रभावित जिलिन में अस्पतालों में क्वारंटीन करने के लिए जगह कम पड़ गई है. एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि यहां कोरोना को रोकने के लिए उपलब्ध मेडिकल सप्लाई सिर्फ 2-3 दिन की बची है.

घरों में कैद हैं करोड़ों लोग

चीन के कई शहरों में लॉकडाउन के चलते करोड़ों लोग घरों में कैद हैं. जिस प्रांत में कोरोना के मामले ज्यादा आ रहे हैं वहां लॉकडाउन लगाया जा रहा है. अब तक चीन के 10 शहरों में लॉकडाउन लगाया गया है. वहीं, स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि और कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.

अभी और सख्त होंगे नियम

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एपिडेमियोलॉजी के प्रोफेसर चेन झेंगमिन ने कहा है कि, आने वाले दिनों में प्रतिबंध और सख्त किए जाएंगे जिससे पता चलेगा कि क्या यह संक्रमण को रोकने के लिए काफी है या नहीं. बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच बताया जा रहा है कि चीन में बुजुर्गों को बूस्टर डोज लगाई ही नहीं गई है. चीन के 1.7 करोड़ आबादी वाले शेनजेन में लोगों को सख्ती से कहा गया है कि, घर का केवल एक सदस्य ही घर का जरूरी सामान लाने बाहर निकलेगा.