दोपहिया वाहन पर पति-पत्नी बच्चों सहित सफर करते आपको अक्सर नजर आ जाएंगे. अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो यह खबर आपके लिए है. मोटरसाइकिल या स्कूटर पर अगर आपके साथ एक वयस्क और एक बच्चा सफर कर रहा है, तो आपका ट्रैफिक चालान कट सकता है.

1000 रुपये का चालान

नये मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, चार साल से ज्यादा उम्र का बच्चा तीसरी सवारी के तौर पर गिना जाएगा. ऐसे में अगर आप अपने टूव्हीलर पर सवार होकर अपने बच्चे और पत्नी को बैठा कर कहीं जा रहे है और बच्चे की उम्र चार साल से ज्यादा है तो आपका चालान कट सकता है. मोटर वाहन अधिनियम की धारा 194A के अनुसार, इस नियम का उल्लंघन करने पर आपका 1000 रुपये का चालान कट सकता है.

ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं

यह नियम पहले से प्रभावी है, लेकिन ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. ऐसे में वे अनजाने में यातायात नियम तोड़े जा रहे हैं. अगर ऐसी स्थिति में यातायात पुलिस पकड़ ले, तो मोटर वाहन अधिनियम के तहत यह कानून का उल्लंघन है और पकड़े जाने पर चालान कट सकता है.

चार साल से बड़ा बच्चा पूरी सवारी

ऐसे में अब पति-पत्नी के साथ चार साल से अधिक उम्र का बच्चा मोटरसाइकिल पर एक साथ बैठकर सफर नहीं कर सकेंगे. ऐसा करनेवाले को पकड़े जाने पर एक हजार रुपये का चालान भरना पड़ेगा. परिवहन मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत नियमों में बदलाव करते हुए अब चार साल या इससे बड़े बच्चे को पूरी सवारी माना है

पहले क्या था नियम?

दोपहिया के बढ़ते हादसों के बाद परिवहन मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर यह फैसला किया है. इससे पहले 12 साल से ऊपर के बच्चे को पूरी सवारी माना जाता था. अभी तक चार साल से 12 साल तक के बच्चों को आधी सवारी माना जाता था और इसी के तहत सार्वजनिक यात्री वाहनों में उनका किराया भी आधा लगता था. मोटर वाहन अधिनियम की धारा 194-ए के अनुसार दोपहिया या कार में इस नियम का उल्लंघन करने पर एक हजार रुपये का चालान कट सकता है.

ऑनलाइन दस्तावेज हो, तो नहीं कटेगा चालान

चेकिंग के दौरान अब अगर आपके पास एम परिवहन ऐप अथवा डिजीलॉकर में ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन के पंजीकरण और बीमा के दस्तावेज हैं, तो पुलिस या परिवहन विभाग मोटर वाहन अधिनियम की धारा-180 के अंतर्गत चालान नहीं कर सकेंगे. पहले कागजात न दिखाने पर पांच हजार रुपये जुर्माना या तीन महीने की जेल का प्रावधान था. मोटर वाहन अधियम की धारा 194-ए ओवर लोडिंग सवारी में आती है. अगर तीसरी सवारी के रूप में चार साल से ज्यादा उम्र का बच्चा है, तो वह भी पूरी सवारी माना जाएगा और ऐसे में पकड़े जाने पर एक हजार रुपये का चालान कटेगा.