लेटलतीफी के कारण 10 वर्षों के बाद होमगार्ड की बहाली हुई। अंतिम दिन बुधवार को महिलाओं की दौड़ थी। लगभग 300 से अधिक आवेदकों में 162 महिलाएं आरएमके मैदान में दौड़ में शामिल हुईं। आवेदन जमा करने से दौड़ शुरू होने की 10 साल की लंबी प्रक्रिया के दौरान कई महिलाएं दो से तीन बच्चों की मां तक बन गईं।

जब बहाली निकली थी तो महिला आवेदकों की उम्र 20 से 21 साल की थीं। उस समय कई लड़कियां अविवाहित थीं। अब जब बहाली शुरू हुई तो कइयों की फिटनेस पहले जैसी नहीं रही थी। मेडिकल जांच में कुछ महिलाएं गर्भवती होने के कारण दौड़ में शामिल नहीं हो सकीं। भगवानपुर की अंजू कुमारी ने बताया कि उन्होंने जब आवेदन दिया था, तब वे अविवाहित थीं। अब उनके दो बच्चे हैं। रीता ने बताया कि समय पर बहाली नहीं होने के कारण वह तीन बच्चों की मां बन गई हैं। 

पुनसिया की नूतन कुमारी की भी दो बच्चों की मां हैं। ये कहती हैं कि प्रशासन को पहले ही बहाली प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए था। ऐसी दर्जनों अभ्यर्थी लेटलतीफी के कारण दुखी थीं। इधर, बेबी कुमारी, नवटोलिया की रेखा कुमारी, रजौन की अंशु कुमारी आदि दौड़ में सफल होने के बाद खुश दिखीं।

250 पदों के लिए 10 हजार से अधिक आवेदन : लगभग 250 पदों के लिए 10 साल पहले बहाली निकली थी। इसके लिए 10 हजार आवेदन आए थे। तत्कालीन डीएम डा निलेश देवरे ने इसके लिए एक बार तिथि जारी की थी, लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण बहाली टल गई थी। इसके बाद कई बार आवेदकों ने इसके लिए धरना-प्रदर्शन किया। मामला डीएम सुहर्ष भगत के संज्ञान में आने के बाद 17 दिसंबर से दौड़ कराई गई। डीएम ने कहा कि सभी चयनित उम्मीदवारों को पटना जिले के बिहटा में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे प्रशासन को विधि-व्यवस्था सुधार में सहुलियत होगी।

24 हजार मासिक कमा सकेंगे अभ्यर्थी : होमगार्ड जवानों को 740 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पैसा मिलेगा। इससे एक जवान महीने में 22 से 24 हजार रुपये उठा सकेगा।