पटना समेत बिहार के ज्यादातर हिस्सों में साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से मौसम में हुआ बदलाव कमजोर पड़ने लगा है। पुरवा हवा का प्रवाह लगभग खत्म होने को है। अब सूबे में पछुआ का जोर बढ़ने लगा है। इस वजह से राज्य के कई हिस्सों के मौसम में बदलाव हुआ है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन पूर्वी यूपी और इससे सटे बिहार की ओर शिफ्ट हो गया है। 

इस वजह से बिहार के उत्तर पश्चिमी जिलों पश्चिमी व पूर्वी चंपारण, सीवान, सारण, गोपालगंज तथा उत्तर पूर्वी बिहार के जिलों सुपौल, किशनगंज, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया जिलों में शुक्रवार को कहीं-कहीं हल्की या मध्यम बारिश हुई, जबकि शेष बिहार में मौसम साफ रहा। 

पछ़ुआ और उत्तर पछुआ हवा का प्रवाह शुरू हो गया है। इस वजह से शुक्रवार से न्यूनतम पारा में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज होगी, जिससे कनकनी बढ़ेगी। इस दौरान घना कुहासा भी लगेगा पर मौसम साफ रहेगा। गुरुवार को सूबे का औसत न्यूनतम पारा 12 से 14 जबकि औसत अधिकतम पारा 20 से 22 डिग्री सेल्सियस रहा। 

गया में सबसे घना कुहासा रहा। यहां सुबह में विजिबिलिटी 400 मीटर थी। पटना में हल्का कुहासा छाया हुआ था। नौ बजे तक मौसम साफ हो गया। इस वजह से विमानों के ऑपरेशन पर कोई असर नहीं पड़ा। 

जीरादेई रहा सबसे सर्द, न्यूनतम पारा 10 डिग्री

गुरुवार को सूबे में जीरादेई सबसे सर्द रहा। यहां का न्यूनतम पारा दूसरे दिन भी 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटना का न्यूनतम पारा 3 डिग्री गिर गया और 13.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक है। राजधानी का अधिकतम पारा सामान्य से एक डिग्री कम होकर 21.2 डिग्री सेल्सियस रहा। 

बिहार में सबसे सर्द गया में गुरुवार को न्यूनतम पारा बिहार में सबसे अधिक 15.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 7 डिग्री अधिक है। चालू सीजन में गया का इतना अधिक न्यूनतम पारा दर्ज नहीं हुआ था वहीं यहां का अधिकतम पारा 18.7 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से 5 डिग्री कम है।