देश में कोई भी प्रतियोगी परीक्षा होती है तो उसमें सबसे ज्यादा बिहार के छात्र और छात्राएं आवेदन करते हैं; और सफलता भी पाते हैं. बिहार के छात्र छात्राओं का जुनून आजकल गंगा घाटों पर देखने को मिल रहा है. देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की तैयारी इन दिनों पटना के गंगा घाटों पर कराई जा रही है.

यहां सुबह 6 से 8 प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं को बताया जा रहा है कि कैसे वह बीपीएससी, यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं. 1994 बैच के आइएएस अधिकारी अरुण कुमार सुबह में 6 से 8 बच्चों को निशुल्क मार्गदर्शन कर रहे हैं; ताकि बच्चे भविष्य में अच्छा कर सकें.

पूर्व आईएएस अरुण कुमार बिहार के बच्चों को आइएएस और आइपीएस बनाने का बीड़ा उठा चुके हैं. यही वजह है कि वह सुबह में गंगा किनारे बच्चों को मार्गदर्शन कर रहे हैं. गंगा किनारे अरुण सर की क्लास में पढ़ने वाले छात्र काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं.

उनका कहना है की यूपीएससी और बीपीएससी की तैयारी कराने के लिए कोचिंग संस्थानों में मोटी-मोटी रकम वसूली जाती है, वहीं यहां पर उन्हें फ्री में मार्गदर्शन दिया जा रहा है. अरुण कुमार का मानना है कि हर क्षेत्र में बिहार के बच्चे परचम लहरा रहे हैं, लेकिन वह बिहार में रहकर अच्छी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं.

बिहार के बच्चे दिल्ली जाते हैं, मुंबई जाते हैं और वहां से वह यूपीएससी की तैयारी करते हैं. मेरी कोशिश है कि बिहार का बच्चा बिहार में रहकर यूपीएससी की तैयारी करे; और सफलता पाए. इसी सोच के साथ अपनी पत्नी रितु जायसवाल से प्रेरणा लेकर मैंने गंगा किनारे बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करानी शुरू की है.

गंगा किनारे इस तरीके से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी पूर्व IAS अरुण कुमार करा रहे हैं जिसका लाभ छात्र-छात्राएं उठा रहे हैं. इन क्लासेज का मकसद है अगली यूपीएससी परीक्षा में बिहार में रहकर पढ़ने वाले बच्चे यूपीएससी परीक्षा पास करें.

बता दें कि सिविल सेवा परीक्षा 2021 का परिणाम 30 मई को आया है. इसमें बिहार के कई अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की है, मगर इनमें से अधिकतर ऐसे हैं जो बिहार के बाहर रहकर तैयारी कर रहे थे.

Input : News 18 Bihar