सीतामढ़ी जिले के पुपरी थाना क्षेत्र की रहने वाली नगीना देवी उसके ससुराल वालों ने बेटी जनने पर घर से बेदखल कर दिया। इसके बाद से वह न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। घर से पति द्वारा निकाल दिए जाने के बाद पीड़िता ने न्यायालय में भरण-पोषण देने के लिए केस किया जो अभी लंबित है।

जानकारी के मुताबिक पुपरी थाना क्षेत्र के निवासी रामबाबू साह की पुत्री नगीना देवी की शादी डुमरा थाना क्षेत्र के रिखौली गांव निवासी अर्जुन साह के पुत्र रामवृक्ष कुमार से 2014 में हुई थी। दोनों को संतान के रूप में पुत्री हुई जिसके बाद से पीड़िता को हेय दृष्टि से देखा जाने लगा। आरोप है कि बेटी पैदा होने के कारण उसे घर से निकाल दिया गया।

नगीना देवी ने बताया कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है। वह अपनी बेटी के साथ फिलहाल मायके में रहती है। बेटी की पढ़ाई लिखाई का खर्च के लिए 2018 में परिवार न्यायालय में मुकदमा चला। न्यायालय ने 10 हजार रुपये देने का आदेश भी दिया लेकिन आज तक एक रुपया भी नहीं मिला।

हालांकि नगीना देवी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद उसके पति को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 3 महीने जेल में रहने के बाद वह फिलहाल जमानत पर बाहर है। न्याय की उम्मीद में पीड़िता नगीना देवी ने पुनः एक बार न्यायालय में याचिका दाखिल की है जो अभी तक लंबित पड़ा हुआ है।

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