सीतामढ़ी जिले के किसान सरकारी स्तर पर धान की बिक्री करने के प्रति काफी हद तक उदासीन हैं. फिर भी जिला सूबे में आगे है. धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मामले में यह जिला प्रथम पायदान पर है, तो खरीद किये गये धान की मात्रा के मामले में सीतामढ़ी दूसरे स्थान पर है. इधर, प्रशासन के काफी प्रयास के बावजूद दो दर्जन से अधिक पैक्सों पर मात्र एक- एक किसान धान बेच सके हैं. वहीं, आधा दर्जन पैक्सों में अबतक एक भी किसान धान नहीं बेचे हैं.

1.23 लाख एमटी खरीद का लक्ष्य

धान अधिप्राप्ति की उपलब्धि से डीसीओ मसरूफ आलम खुश है. उन्होंने बताया कि यह जिला सूबे में अव्वल है. गौरतलब है कि 15 फरवरी 23 तक धान की खरीद की जानी है. शनिवार को 50 किसान 378 एमटी धान की बिक्री की. अबतक 1290 किसान 9241एमटी धान बेचे हैं. धान की बिक्री करने वाले किसानों की संख्या के मामले जिला सूबे पर टॉप पर है, जबकि धान की मात्रा के मामले दूसरे स्थान पर है. 9501 एमटी धान खरीद कर सूबे में सिवान टॉप पर है.

इन पैक्सों में खरीद शुरू नहीं

एक रिपोर्ट के अनुसार, जिले के चार प्रखंडों के आधा दर्जन पैक्सों में अबतक खरीद शुरू नहीं की जा सकी है. इन पैक्सों में बाजपट्टी प्रखंड के बनगांव उत्तरी व हुमायूंपुर, बेलसंड प्रखंड के चंदौली, बोखड़ा प्रखंड के चकौती व खड़का बसंत दक्षिणी एवं रुन्नीसैदपुर के बरहेता पैक्स में खरीद शुरू नहीं है. बता दें कि जिला को एक लाख 23 हजार एमटी खरीद का लक्ष्य है. इसके लिए खरीद में 238 पैक्स व छह व्यापार मंडल को लगाया गया है.

दो दर्जन पंचायतों में एक-एक किसान बेचे धान

जिले की दो दर्जन से अधिक पंचायतों में अबतक मात्र एक-एक किसान ही धान बेच सके हैं. रिपोर्ट गवाह है कि पचटकी यदु, बनगांव उत्तरी, मधुबन बसहा पश्चिमी, रसलपुर, बैरहा बराही, कमलदह, शाहपुर शीतलपट्टी, सिंगरहिया, भंडारी, लोहासी, चोरौत पूर्वी व परिगामा समेत अन्य कई पैक्स है, जहां के किसान सरकारी स्तर पर धान बेचने के प्रति गंभीर नहीं है.

INPUT : PRABHAT KHABAR