‘सखी सैंया तो खूब ही कमात है महंगाई डायन खाए जात है….’ इन दिनों इस गाने की लाइन पटना शहर में रहने वालों पर एकदम फिट बैठ रही है. बिना त्योहार और बारिश के मौसम के भी राजधानी में सब्जियों के दाम में आग लगी हुई है. आसमान छूते दाम (Vegetable prices sky high in patna) से न सिर्फ ग्राहक परेशान हैं बल्कि थोक विक्रेताओं को भी पूंजी लगाने में पसीने छूट रहे हैं. अब तक के इतिहास में किसी ने 300 के पार परवल नहीं खरीदा होगा. लेकिन थोक मंडियों में भी परवल पिछले 4 दिनों से 360 रुपये किलो बिक रहा है.  इसके न तो खरीदार है और ना ही दुकानदारों के पास स्टॉक है.

पटना के राजा पुल मंडी की बात करें तो यहां पूरी मंडी में सिर्फ भोलू यादव ही परवल बेचते नजर आ रहे हैं. वो भी 2 दिनों से 5 किलो परवल जो स्टॉक किये वो यूं ही पड़ा हुआ है, किसी ने पाव तक नहीं खरीदा. विक्रेता की मानें तो नासिक से परवल आता है क्योंकि बिहार में अभी परबल का फसल नहीं हुआ है. ऐसे में ट्रांसपोर्ट खर्च मिलाकर 360 रुपये किलो परवल मिल रहा है.

वहीं, बाकि सब्जियों का भी कुछ यही हाल है.  फूलगोभी ,टमाटर और बंधा गोभी छोड़कर कोई भी सब्जी 50 के नीचे नहीं है ऐसे में मंडी में खरीदारी करने आ रहे लोग किलो की बजाय पाव में ही काम चला रहे हैं. लोगों की थाली से अब हरी सब्जी गायब होने लगा है. दुकानदार भी मानते हैं कि पिछले 1 साल में इतनी महंगी सब्जी अब तक नहीं बिकी है

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