मुहूर्त – गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा की स्थापना शुभ मुहूर्त में ही करें. इससे रिद्धि-सिद्धि प्राप्त होती है. पूजा के लिए दोपहर का समय श्रेष्ठ है. एक बार स्थापना करने के बाद मूर्ति को इधर-उधर न हिलाएं.

सही दिशा – गणपति मूर्ति की स्थापना पूर्व या फिर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में ही करें. ऐसा करने पर 10 दिन तक घर में बप्पा वास करते हैं.

घर में स्थापना के नियम – अगर आप गणपति जी को घर में स्थापित कर रहे हैं तो 10 दिन तक रोज सुबह और शाम उन्हें भोग लगाएं और आरती करें. मूर्ति के पास अंधेरा न होने दें. घर को सूना न करें.

पूजा सामग्री – गणपति को सिंदूर, दूर्वा और मोदक जरुर चढ़ाएं लेकिन भूलकर भी बप्पा की पूजा में केतकी के फूल, तुलसी का इस्तेमाल न करें. बासी या मुरझाए फूल भी पूजा में न शामिल करें.

पूजा के वस्त्र – गौरी पुत्र गणेश का प्रिय रंग लाल और पीला है. इन रंगों के वस्त्र पहनकर ही पूजा करें. काले रंग के कपड़े भूल से भी न पहनें. ऐसा करने पर 10 दिन की पूजा व्यर्थ चली जाएगी, फल प्राप्त नहीं होगा.

10 दिन तक न करें ये काम – गणेश उत्सव के दौरान मांस, मदिरा का पान न करें. तामसिक भोजन से भी दूर रहना चाहिए. गणेश चतुर्थी का व्रत करने वालों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. तन के साथ मन की भी शुद्धता रखें, किसी को अपशब्द न बोलें न ही किसी से विवाद करें.

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