बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से हाल ही में चयनित शिक्षकों को अपर मुख्य सचिव केके पाठक के शिक्षा विभाग के ने कड़ी चेतावनी दी है। विभाग ने कहा है कि नए टीचर किसी भी तरह का शिक्षक संघ या मंच न बनाएं। अगर ऐसा करते हुए पाए गए तो उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी जाएगी।

बता दें कि शिक्षक संघों की ओर से पूर्व में एसीएस केके पाठक के आदेशों का विरोध किया गया था। इसके बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षक संघों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की थी। जानकारी के मुताबिक बिहार शिक्षा विभाग की ओर से नवनियुक्त शिक्षकों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।

विभाग ने शनिवार को इस संबंध में कड़ा निर्देश जारी किया। इसमें बीपीएससी से चयनित शिक्षकों कड़ी चेतावनी दी गई है कि वे किसी भी प्रकार का संघ या मंच नहीं बनाएं, न ही इस प्रकार के संघों को बनाते हुए अपने पैड छपवाएं। ऐसा करने पर उनकी औपबंधिक नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी जाएगी।

इससे पहले केके पाठक ने नवनियुक्त शिक्षकों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे अच्छे से ईमानदारी से अपनी नौकरी करें। गांव में जाकर शिक्षकों को पढ़ाएं। उन्हें शहर के अंग्रेजी स्कूलों से भी अच्छी शिक्षा दें। अगर वे ऐसा नहीं कर सकते तो यह नौकरी उनके लिए नहीं है। वे अभी नौकरी छोड़ दें।

बता दें कि बीपीएससी ने बिहार में शिक्षकों के 1.70 लाख पदों पर बहाली के लिए परीक्षा का आयोजन किया था। इसमें लगभग 1.20 लाख शिक्षकों का चयन हुआ। काउंसलिंग के दौरान करीब 10 हजार अभ्यर्थियों ने नौकरी नहीं ज्वाइन की।

इस तरह अंतिम चरम में 1.10 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। फिलहाल चयनित अभ्यर्थियोॆं की ट्रेनिंग जारी है। इसके बाद उन्हें स्कूल आवंटित कर दिया जाएगा। नवचयनित अ्धिकतर शिक्षकों की ड्यूटी ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में लगाई जा रही है, क्योंकि वहां पर पद ज्यादा खाली हैं।

INPUT : HINDUSTAN