भूमि से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता से बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने नौ सीओ निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही पहले से निलंबित 12 के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बुधवार को विभागीय निगरानी कोषांग की समीक्षा के दौरान इस मामले में कार्रवाई की है।

दरअसल, अवैध जमाबंदी कायम करना, अतिक्रमण हटाने में लापरवाही बरतना, उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना और बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित वादों में पारित आदेशों के अनुपालन में दिलचस्पी नहीं लेने के कारण नौ सीओ निलंबित कर दिया है। आलोक मेहता ने जीन सीओ को निलंबित किया है।

उसमें विजय कुमार (दाउदनगर), सुनील कुमार वर्मा (बिहारशरीफ), चंदन कुमार (फुलवारीशरीफ), कुमार कुंदन लाल (गड़हनी), अमित कुमार(ओबरा), उज्जवल कुमार चौबे,(कुचायकोट), दिनेश कुमार(काको), विनोद कुमार चौधरी (खिजरसराय) एवं सुरेजश्वर श्रीवास्तव (करगहर) का नाम शामिल है। इनमें विनोद कुमार चौधरी और दिनेश कुमार को निगरानी ने घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा था। अन्य सीओ का निलंबन संबंधित जिलाधिकारी की अनुशंसा पर हुआ।

इसके साथ ही पहले से निलंबित 12 सीओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर डीओ गई है। इसमें औरंगाबाद जिला में दाउदनगर के तत्कालीन अंचल अधिकारी, ओबरा के मौजूदा अंचल अधिकारी, भागलपुर के रंगराचौक के तत्कालीन अंचल अधिकारी, शेखपुरा में बरबीघा के तत्कालीन अंचल अधिकारी, सिवान जिला में पचरूखी के तत्कालीन अंचल अधिकारी, पटना में धनरुआ के तत्कालीन अंचल अधिकारी, नालंदा में हिलसा के अंचल अधिकारी, आरा सदर के तत्कालीन अंचल अधिकारी, अररिया के तत्कालीन सहायक बंदोवस्त पदाधिकारी और पश्चिम चंपारण में बैरिया के तत्कालीन अंचल अधिकारी का नाम शामिल है।

इधर, इस मामले को लेकर मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि हमारा विभाग आम लोगों से सीधा जुड़ा हुआ है। इसलिए बिहार की जनता और यहां निवास कर रहे गरीब लोगों को किसी तरह की कोई कठनाई न हो उनका काम तय समय-सिमा के अंदर हो जाए, इसको लेकर हमारा विभाग लगातार काम कर रहा है। अब इसमें गड़बड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।

INPUT : FIRST BIHAR