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बिहार के पटना, भोजपुर, रोहतास, कैमूर, गया व औरंगाबाद जिले में विगत पांच दिनों से चालान नहीं कटने की वजह से बालू खनन बंद है। इसका कारण राज्य मुख्यालय से तकनीकी गड़बड़ी का होना बताया जा रहा है। जिले में अचानक बालू खनन बंद होने से बालू के मूल्य में अचानक 10 से 15 प्रतिशत का उछाल आ गया है। हजारों दैनिक मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।

25 दिसंबर बालू उठाव पूरी तरह होगा बंद

बालू बंदी से सीमेंट, छड़ और ट्रक का व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है। बालू खनन बंद होने से जाम में राहत है। कोईलवर-छपरा और सकड्डी-नासरीगंज सड़क पर वाहनों का रेला नहीं दिख रहा। विभागीय सूत्रों के अनुसार एक से दो दिन और यह समस्या बने रहने की आशंका है। 25 दिसंबर से सभी घाट पर बालू उठाव बंद हो जाएगा। अगले साल जनवरी में नए सिरे से नीलामी होगी। ऐसे में आने वाले दिनों में बालू की किल्लत बढ़ने के आसार हैं।

तकनीकी गड़बड़ी बता रहे अधिकारी

भोजपुर के जिला खनन पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने बताया कि तीन-चार दिनों से तकनीकी गड़बड़ी के कारण बालू खनन बंद है, जल्द ही चालू करने का प्रयास विभाग द्वारा किया जा रहा है। सिर्फ भोजपुर जिले में 15 बालू घाटों से रोजाना बालू का खनन होता है। कोईलवर, संदेश, अगिआंव, तरारी और सहार प्रखंड के इन घाटों से प्रतिदिन लगभग 1000 ट्रक से ज्यादा बालू की ढुलाई होती है।

बालू के कारण छड़ गिट्टी और सीमेंट का कारोबार प्रभावित

भोजपुर के उदवंतनगर के हलीटोला निवासी ठेकेदार अर्जुन यादव ने बताया कि बालू 4000 से 4500 में प्रति ट्रेलर था, जो बढ़कर 5000 से 5200 रुपये तक हो गया है। आरा मिल रोड के रानीसती इंटरप्राइजेज के संचालक संजय महासेठ ने बताया कि दो-तीन दिनों से छड़, गिट्टी और सीमेंट की बिक्री 15 प्रतिशत तक कम हो गई है।

सरकारी विभाग को 25 दिसंबर तक बालू भंडारण करने की चेतावनी

खनन एवं भूतत्व विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर ने निर्माण कार्य करने वाली सभी सरकारी विभागों को 25 दिसंबर तक बालू का पर्याप्त मात्रा में भंडारण करने का अनुरोध किया है। ऐसा इसलिए कहा गया है, क्योंकि अभी चल रहे बालू घाट का लाइसेंस 25 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा।

सभी जिलों को खनन विभाग ने भेजा पत्र

खनन विभाग को आशंका है कि इसके बाद पर्यावरणीय स्वीकृति समेत अन्य कागजात के कार्यों में विलंब से बालू खनन राज्य में बंद हो सकता है। इसे देखते हुए सभी विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव को पत्र भेजा गया है। इन सभी के माध्यम से जिले में पत्र भेजकर इसकी जानकारी दे दी गई है।

पटना में बालू खनन पहले से ही बंद

पटना जिले में कुल 62 घाट हैं। सबकी बंदोबस्ती 30 सितंबर से समाप्त है। तीन माह की समय सीमा बढ़ाई गई थी परंतु किसी बंदोबस्तधारी ने इस अवधि की राशि जमा नहीं की। फिर भी जिले में जगह-जगह अवैध खनन जारी है। सर्वर डाउन होने से चालान नहीं कट रहा, परंतु इससे जिले के खनन माफिया को कोई प्रभाव नहीं है।

औरंगाबाद में भी बालू निकासी बंद

औरंगाबाद में कुल बालू घाट 14 हैं। शनिवार से आनलाइन चालान नहीं कटने से बालू की निकासी बंद है। पटना मुख्यालय से ही यह समस्या है। छह घाटों की नीलामी हो चुकी है, जिन लोगों व कंपनियों ने नीलामी ली है, वे तीन माह बाद बालू की निकासी करेंगे।

रोहतास में तीन दिन से बंद है खनन

जिले में कुल बालू घाट 17 हैं। इनमें नौ घाटों की नीलामी हो चुकी है, पांच घाटों से बालू उठाव की अनुमति दे दी गई है। राज्य स्तर पर तकनीकी कारण से गत तीन दिनों से आनलाइन बालू का चालान नहीं कट रहा है।

नवादा में बालू उठाव बंद

नवादा जिले में कुल बालू घाट 45 हैं। 18 घाटों की नीलामी हो चुकी है, किसी को बालू उठाव की अनुमति नहीं है। चोरी छिपे रोजाना करीब 50 ट्रैक्टर बालू उठाव हो रहा है।

कैमूर में नहीं निकल रहा बालू

कैमूर जिले के कुदरा में नदी से बालू खनन की नीलामी हो गई है। अभी तक खनन शुरू नहीं हुआ है। खनन निरीक्षक नीतिन रोशन ने बताया कि बालू खनन शुरूआत कराने के लिए विभागीय प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

गया में धीमी गति से हो रहा काम

गया जिले में यहां दो दिन से सर्वर डाउन होने के कारण एक या दो घंटे ही आनलाइन चालान कट रहा है। इस कारण बालू उठाव धीमा है। एनजीटी के निर्देशों के अनुसार जिले के सभी 94 घाटों पर एक जुलाई से 30 सितंबर तक बालू खनन बंद था। एक अक्टूबर से चालू किया गया। विभाग ने पुराने बंदोबस्तधारियों के लिए तीन महीने की समय सीमा बढ़ाई थी।

25 दिसंबर से गया में भी बंद होगा खनन

शर्त थी कि तीन महीने की बंदोबस्ती की राशि विभाग को अग्रिम जमा करा दें। मात्र 18 बंदोबस्तधारियों ने राशि जमा की, उन्हें ही अनुमति मिली। प्रभारी खनन पदाधिकारी अमरेश कुमार ने कहा कि 25 दिसंबर से सभी घाट पर बालू उठाव बंद हो जाएगा। जनवरी में नए तरीके घाटों को बंदोबस्ती की जाएगी।

फल्गु नदी का अवैध खनन जारी

खनन विभाग व जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी बालू का अवैध खनन नहीं थम रहा। जिले में सबसे अधिक अवैध खनन फल्गु नदी में कंडी-नवादा के पास हो रहा है। पूरी रात सैकड़ों ट्रैक्टर बालू अवैध तरीके ढोए जा रहे हैं। इनकी धर-पकड़ को कोई नहीं होता।

INPUT : JAGRAN