बिहार में गन्ना किसानों को बाढ़ के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा. अब बिहार की नीतीश सरकार ने बाढ़ से नुकसान उठाने वाले किसानों को क्षतिपूर्ति का फैसला लिया है. दरअसल, बतौर क्षतिपूर्ति 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा. इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए किसानों को अपने क्षतिग्रस्त रकबे का फोटो और अपना बैंक अकाउंट भी अपने रजिस्ट्रेशन के साथ पोर्टल पर अपलोड करना है.

बिहार के गन्ना उघोग मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि सरकार गन्ना किसानों के साथ खड़ी है. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में तकरीबन 48781.40 हेक्टेयर में खड़ी गन्ने की खेती बर्बाद हुई है. साथ ही मंत्री ने कहा कि किसानों को 8780.65 लाख रुपये बतौर क्षतिपूर्ति दी जाएगी. इसके लिए गन्ना विभाग ने रजिस्ट्रेशन और मुआवजा वितरण में पारदर्शिता के लिए एक विशेष पोर्टल तैयार किया है. मिली जानकारी के मुताबिक, समस्तीपुर के 18 प्रखंडों की 381 पंचायतों में गन्ने की फसल प्रभावित है. जबकि पश्चिमी चंपारण के भी 18 प्रखंडों की 315 पंचायतों में गन्ने की खेती प्रभावित हुई है.

गन्ना उघोग मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि सीतामढ़ी स्थित रीगा चीनी मिल की परिसंपत्ति का आकलन किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसकी परिसंपत्ति बेच कर गन्ना किसानों, मजदूरों एवं बैंक संबंधी उसकी देयताओं को चुकाया जायेगा. स संबंध में जरूरी आदेश जारी कर दिया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक, बेगूसराय के 13 प्रखंडों के 103 गांवों में गन्ना की फसलों को नुकसान हुआ है. जबकि पूर्वी चंपारण के 20 प्रखंडों की 186 पंचायतों में गन्ना की खेती प्रभावित हुई है.

गन्ना उघोग मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि सीतामढ़ी स्थित रीगा चीनी मिल की परिसंपत्ति का आकलन किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसकी परिसंपत्ति बेच कर गन्ना किसानों, मजदूरों एवं बैंक संबंधी उसकी देयताओं को चुकाया जायेगा. स संबंध में जरूरी आदेश जारी कर दिया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक, बेगूसराय के 13 प्रखंडों के 103 गांवों में गन्ना की फसलों को नुकसान हुआ है. जबकि पूर्वी चंपारण के 20 प्रखंडों की 186 पंचायतों में गन्ना की खेती प्रभावित हुई है.