बिहार सरकार की आमदनी बढ़ाने पर आगामी 12 नवंबर से 19 नवंबर तक मंथन होगा। इस दौरान विभागवार संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट की तैयारी शुरू कर दी है। राजस्व संभावना वाले सभी विभागों को अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य बताने के लिए कहा गया है।

वित्त विभाग की ओर से प्रदेश के सभी 47 विभागों और निकायों को पत्र भेजा गया है। इसमें राजस्व एवं पूंजीगत दोनों तरह की प्राप्तियों के विस्तार पर चर्चा होगी। इसी तरह स्थापना व्यय एवं प्रतिबद्ध व्यय दोनों में अलग-अलग विभागों की ओर से प्रस्ताव सौंपे जाएंगे। 

इसी तरह केंद्रीय एवं केंद्र प्रायोजित योजनाओं से मिलने वाली संभावित राशि को लेकर भी चर्चा की जाएगी। 12-19 नवंबर तक बजट संभावनाओं के बारे में चर्चा के आधार पर ही 2022-23 के बजट का खाका तैयार होगा।

इनके बजट पर होगी चर्चा

निर्वाचन, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, निगरानी, बीपीएससी, विधानसभा-विधान परिषद, संसदीय कार्य, गन्ना उद्योग, खान-भूतत्व, सूचना-जनसंपर्क, खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, लघु जल संसाधन, राजस्व एवं भूमि सुधार, सामान्य प्रशासन, ऊर्जा, अल्पसंख्यक कल्याण, नगर विकास एवं आवास, समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण, योजना एवं विकास, पंचायती राज, आपदा प्रबंधन, सूचना प्रावैधिकी, भवन निर्माण, कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य, जल संसाधन, राज्यपाल सचिवालय, मंत्रिमंडल सचिवालय, श्रम संसाधन, उत्पाद एवं निबंधन, सहकारिता, विधि, वाणिज्यकर, पर्यटन, पथ, परिवहन, वन एवं जलवायु परिवर्तन, कला-संस्कृति एवं युवा, गृह, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त। 

आगामी बजट की चुनौतियां

-कोरोना की मार से अर्थव्यवस्था को उबारकर प्रदेश को तेज विकास के रास्ते पर ले जाना।
-कोरोना की तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने की योजनाओं पर फोकस करना।
-कोरोना काल में वापस बिहार लौटे बिहार के मजदूरों की रोजगार संभावनाओं का विस्तार।
-प्रदेश के संरचनागत विकास के लिए राज्य सरकार की आमदनी में इजाफा।
-बाढ़ की मार से बेहाल हुए इलाकों में संरचनागत सशक्तीकरण पर जोर देना।
-प्रदेश में निवेश की संभावनाओं के विकास के लिए राज्य में प्लॉट तैयार करना।
-गांवों में प्रति व्यक्ति आमदनी बढ़ाने के लिए रोड मैप तैयार करना।