मुंगेर के प्रमुख गंगा घाटों में से एक सोझी घाट पर रोजाना सैंकडों लोग स्नान के लिए आते हैं. दरअसल इस घाट की स्वच्छता लोगों को खींच लाती है. जिला प्रशासन ने यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुंदर सीढ़ी घाट बनवाया है. जबकि लोग यहां रोजाना सैर सपाटे के लिए भी शाम को पहुंचते हैं.

मुंगेर में गंगा नदी के किनारे निर्मित सोझी घाट लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. सोझी घाट में दोपहर से शाम के मध्य लोगों की भीड़ जुटती है. यहां का नजारा काफी मनमोहक रहता है. उसी दृश्य को देखने के लिए शाम के वक्त लोगों को भीड़ लगती है.

मुंगेर मुख्यालय के गंगा किनारे बबुआ घाट की खूबसूरती सबसे अलग है. यहां जिला प्रशासन ने आम नागरिकों की सुविधा के लिए काफी बढ़िया और सुंदर सीढ़ी घाट बनवाया है. छठ पर्व में बड़ी संख्या में व्रती और श्रद्धालु पहुंचते हैं. शाम के वक्त बबुआ घाट पर लोगों का जमावड़ा लगता है. यहां के आकर्षक नजारे को लोग कैमरे में भी कैद करते हैं.

मुंगेर मुख्यलाय स्थित कष्टहरणी घाट का ऐतिहासिक महत्व है. धार्मिक दृष्टिकोण से इस घाट को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस घाट पर दर्जन भर देवी-देवताओं के मंदिर मौजूद हैं. मान्‍यता है कि भगवान श्री राम और लक्ष्मण इस घाट पर स्नान कर चुके हैं. महाभारत में भी इस घाट का उल्लेख मिलता है.

बाल्मिकी रामायण के अनुसार, भगवान राम और लक्ष्मण राक्षस ताड़का का वध करने के बाद इसी कष्टहरणी घाट पर रुके थे और स्नान भी किया था. तब से ऐसी मान्यता है कि यहां पर डुबकी लगाने वालों की पीड़ा कम होती है. इसके किनारे भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और भगवान महादेव के साथ कई देवी देवताओं के मंदिर भी हैं.

INPUT : NEWS 18