बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) की इंटरमीडिएट परीक्षा (Intermediate Examination) का रिजल्‍ट बुधवार की शाम में जारी हो गया। बोर्ड के रिजल्‍ट की प्रतिष्‍ठा बढ़ी है, अब देश में सबसे सबसे पहले रिजल्‍ट देने लगा है। लेकिन कुछ सालों पहले तक यही बिहार बोर्ड अपनी लेटलतीफी व भ्रष्‍टाचार के लिए बदनाम था। पाप का घड़ा फूटा तो बोर्ड के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष लालकेश्‍वर प्रसाद राय (Lalkeshwar Prasad Rai) सहित कई सफेदपोश सलाखों के पीछे पहुंच गए। इसका निमित्‍त बनी एक ऐसी टॉपर लड़की, जिसे अपने विषय का नाम भी पता नहीं था। उसने परीक्षा की कॉपियों में फिल्‍मी गाने व तुलसीदास प्रणाम लिखे और टॉपर बन गई। साल 2016 के इंटरमीडिएट आर्ट्स की उस टॉपर रूबी राय (Ruby Roy) के रिजल्‍ट को बोर्ड ने रद कर दिया, लेकिन उसे भष्‍टाचार की पूरी व्‍यवस्‍था को ध्‍वस्‍त करने का श्रेय तो दिया ही जाना चाहिए।

बिहार के वैशाली में रहते हैं टॉपर रही रूबी के स्‍वजन

बिहार के वैशाली जिला स्थित भगवानपुर के अमर गांव की रहने वाली रूबी राय के स्‍वजन गांव में रहते हैं। रूबी इस वक्‍त कहां है, इसकी जानकारी नहीं मिली है। स्‍थानीय लोगों ने बताया कि रिजल्‍ट के विवाद के बाद परिवार वाले रूबी को घर से बाहर जाने नहीं देते थे। उसकी पढ़ाई भी छूट गई थी।

अपने विषय का नाम भी नहीं बता सकी आर्ट्स टॉपर

अब बात उस मामले की, जिसने देश-विदेश में बिहार बोर्ड को बदनाम कर दिया था। साल 2016 में जब मीडिया ने बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट टॉपर्स से बातचीत की, तब आर्ट्स टॉपर रूबी राय ने बताया कि वह ‘प्रोडिकल साइंस’ (पॉलिटिकल साइंस) विषय के साथ परीक्षा देकर टॉपर बनी है। इस विषय में उसने ‘खाना बनाने की कला सीखी है। मीडिया से बातचीत में साल 2016 के साइंस टॉपर भौतिकी व रसायन के मूलभूत प्रशनों के जवाब भी नहीं दे सके। इसके बाद मचे बवाल के बीच बिहार बोर्ड की परीक्षाओं व रिजल्‍ट में लंबे समय से चल रहे बड़े घोटाले का राज खुल गया

पूछताछ में रूबी ने बताया- कापियों में लिखे थे गाने

इस मामले में पुलिस ने रूबी राय को भी गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि उसके पापा ने कापियों में कुछ भी लिख देने को कहा था, इसलिए उसने 101 फिल्‍मी गाने तथा ‘तुलसीदास प्रणाम’ लिखे थे। बाद में उसकी कापियों को किसी और ने उत्‍तर लिखे थे।

पास होने लायक भी नहीं मिले बिहार बोर्ड के टॉपर

बिहार बोर्ड ने 2016 के सभी संकायों के टॉप 10 परीक्षार्थियों को मेधा की जांच के लिए एक्‍सपर्ट कमेटी के सामने दोबारा बुलाया। इस एक्‍सपर्ट कमेटी ने रूबी राय सहित कई टॉपरों को पास होने लायक भी नहीं पाया। इसके बाद आर्ट्स टॉपर रूबी राय व साइंस टॉपर सहित कई टॉपर फेल कर दिए गए। बिहार बोर्ड के ये टॉपर पास होने के लायक भी नहीं पाए गए।

2017 के टॉपर के साथ भी जुड़ा विवाद, रिजल्‍ट रद

आगे नीतीश कुमार की सरकार ने पटना के तत्‍कालीन प्रमंडलीय आयुक्‍त आनंद किशोर को बिहार बोर्ड का नया अध्‍यक्ष बनाया। उन्‍हें बोर्ड के सिस्‍टम में सुधार की जिम्‍मेदारी दी गई। इसकी प्रक्रिया आरंभ ही हुई थी कि अगले साल 2017 में भी इंटरमीडिएट आर्ट्स का टॉपर गणेश कुमार उम्र छिपाने तथा अपने विषय संगीत की मूलभूत जानकारी नहीं रहने के कारण विवादों में आ गया। बोर्ड ने एक बार फिर इस टॉपर का रिजल्‍ट भी रद कर सेकेंड टॉपर नेहा कुमारी को टॉपर घोषित किया।

रंग लाए सुधार के प्रयास, बढ़ चुकी बोर्ड की प्रतिष्‍ठा

उस वक्‍त से जारी सुधार के प्रयास अब रंग ला चुके हैं। साल 2018 से बोर्ड की परीक्षाओं व रिजल्‍ट में भ्रष्‍टाचार पर लगात लगा है। अब बिहार बोर्ड के रिजल्‍ट की प्रतिष्‍ठा है। बिहार बोर्ड अन्‍य बोर्डों से पहले समय पर रिजल्‍ट देने में भी लगातार हो रहा है।