पटना एम्स औऱ आईआईटी ने ऐसी क्रांति की तैयारी कर ली है जिसकी परिकल्पना अब तक नहीं की गयी थी। जी हां, पटना एम्स के डॉक्टर आईआईटी के इंजीनियरों के साथ मिलकर ऐसा हेलमेट बना रहे हैं जो गंजापन दूर कर देगा। इस खास हेलमेट को रोजाना 3 घंटे पहनिये और 3 से 4 महीने में नये बाल उगने शुरू हो जायेंगे। ये हेलमेट उनके लिए भी काफी मददगार होगा जिनके बाल झड़ रहे हैं औऱ वे गंजेपन की ओर बढ़ रहे हैं।

पटना एम्स में गंजेपन को खत्म करने का ये शोध न्यूरो फिजियोलॉजी विभाग के डॉक्टर कर रहे हैं। अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट और न्यूरो फिजियोलॉजी में एडिशनल प्रोफेसर डॉ. योगेश कुमार के नेतृत्व में ये शोध की जा रही है. डॉ योगेश कहते हैं -भारत में पहली बार स्किन की उस लेयर पर रिसर्च किया गया है, जहां बाल उगन के बाद ज्यादा समय पर रहकर कमजोर पड़ जाते हैं. इस रिसर्च में काफी सकारात्मक परिणाम सामने आया है।

कैसे काम करेगा हेलमेट

एम्स के डॉक्टर बता रहे हैं कि हेलमेट में लेजर लाइट्स के सहारे बाल उगाने की कोशिश की जा रही है. जो हेलमेट वे बनाने की तैयारी में हैं उसमें 32 तरीके के लेजर एलईडी लगाये हैं. जैसे ही कोई व्यक्ति इस हेलमेट को पहनेगा वैसे ही उसमें से लेजर लाइट्स निकलनी शुरू हो जायेगी. हेलमेट से 32 तरह की लेजर निकलेगी और हर लेजर लाइट का अलग-अलग काम होगा. हर लेजर लाइट बेहद प्रभावी होगी.

3 से 4 महीने में गंजापन होगा दूर

एम्स के डॉक्टर योगेश का कहना है कि इस खास हेलमेट से किसी व्यक्ति का गंजापन 3 से 4 महीने में दूर हो सकेगा. इसके लिए उस आदमी को हर रोज 3 घंटे हेलमेट पहन कर रहना होगा. डॉ योगेश कह रहे हैं कि उनका ये प्रयोग गंजेपन की समस्या को स्थायी तौर पर दूर कर सकता है. हेलमेट बनाने का काम लगभग पूरा लेकिन इसके मॉडल औऱ उसमें उपयोग की गयी चिकित्सा पद्धति को पेटेंट कराने के बाद हेलमेट को सार्वजनिक कर दिया जायेगा.



ऐसे उगते हैं बाल

एम्स के डॉ. योगेश ने बताया कि उन्हें इस दौर में ढेर सारे लोगों के समय से पहले गंजे होने की समस्या को देखकर ये शोध करने की प्रेरणा मिली. दरअसल गंजेपन की समस्या को दवायें दूर नहीं कर पाती. ऐसे में उन्होंने बाल उगने के तीन स्टेज का अध्ययन किया औऱ फिर बाल के झड़ने पर रोक और उन्हें फिर से उगाने के तरीके पर काम किया. इससे ही समस्या का समाधान सामने आया.



दरअसल किसी इंसान के बाद तीन स्टेप में शरीर के बाहर आते हैं. पहले एनाजन और टेलाजन औऱ फिर केटाजन. बाल सबसे ज्यादा एनाजन स्टेज में बढ़ते हैं. गंजापन के शिकार लोगों पर शोध किया गया तो पाया गया कि जो गंजे हो जाते हैं उनके एनाजन फेज में कम समय तक बाल रहते हैं. इसके कारण टेलाजन फेज का समय बढ़ जाता है. जिन लोगों में टेलाजन फेज आ गया है उसे एनाजन फेज में रिवर्ट कर दिया जाये तो लाभ हो जायेगा. इसका कोई बुरा परिणाम भी नही होगा.

दरअसल गंजापन तब होता है जब खून का दौरा कम हो जाता है. इससे बाल प्रभावित होते हैं. बाल निकलने के तीन स्टेप अगर सही होंगे तो बाल खुद ब खुद मजबूत होकर बाहर आयेंगे. गंजापन का सबसे बड़ा कारण यही है कि एनाजन से टेलाजन में बाल बहुत तेजी से परिवर्तित हो जाते हैं. हेलमेट बनाने के लिए जो रिसर्च की गयी उसमें बालों के तीनों स्टेज को लेकर खासा रिसर्च किया गया है.



IIT के इंजीनयिरों से ली मदद

पटना एम्स के डॉक्टर योगेश ने बताया कि उन्होंने अपना शोध करने से पहले देश भर में गंजेपन को लेकर हुए रिसर्च को देखा और फिर इस विधि पर काम करने की तैयारी की. लेकिन डॉक्टर सिर्फ उपचार का तरीका इजाद कर सकता है हेलमेट बनाने का काम नहीं कर सकता. लिहाजा पटना आईआईटी के इंजीनियरों की मदद ली गयी. उनकी मदद से हेलमेट तैयार किया जा रहा है, जो गंजेपन की समस्या को स्थायी तौर पर दूर कर सकता है.