मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में बंद नाइजीरिया के दो बंदियों को रिहा कर दिया गया है। अब दोनों को वतन भेजने की तैयारी चल रही है। जेल से रिहा होने वालों में सोलोमोन अलीग्वियू और युगवुम सिनाची ओनिया शामिल हैं। इन दोनों को हाइकोर्ट के आदेश पर रिहा किया गया है।

दोनों तीन साल पूर्व सीतामढ़ी में विदेशी अधिनियम उल्लंघन मामले में पकड़े गए थे। इसके बाद इन्हें कोर्ट के आदेश पर विदेशी अधिनियम के तहत सीतामढ़ी जेल में बंद कर दिया गया था। कुछ माह पूर्व दोनों को शिफ्ट करके मुजफ्फरपुर जेल भेजा गया था।

यहां पर गत दिनों युगवुम सिनाची ओनिया ने जेल में ही छठ व्रत कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इसी के बाद हाइकोर्ट ने इन दोनों को रिहा करने का आदेश दिया। कागज़ी कार्यवाही पूरी करने के बाद दोनों को जेल से रिहा किया गया।

दिल्ली दुतावास से वापस लौटे:

जेल से रिहा होने के बाद दोनों को दिल्ली दूतावास भेजा गया था। लेकिन, वहां से ये कहकर लौटा दिया गया कि विदेशी नागरिकों से जुड़े ऑफिस कोलकाता और लखनऊ में हैं। वहीं जाने की सलाह दी गयी। शनिवार रात दोनों फिर मुजफ्फरपुर पहुंचे। रविवार को भी दोनों टाउन थाना पर हैं। यहां से कोलकाता स्थित विदेशी नागरिक के कार्यालय भेजने की कवायद की जा रही है।

हिंदी बोलते भी हैं और लिखते भी:

टाउन थाना पर जब इनसे कुछ पुलिसकर्मियों ने हिंदी में बात की तो दोनों ने जवाब भी हिंदी में दिया। कॉपी पर हिंदी में लिखकर भी दिखाया। यह देखकर सभी पुलिसकर्मी आश्चर्यचकित रह गए। बहुत स्पष्ट हिंदी तो नहीं बोल पाते हैं। लेकिन, टूटी फूटी बोल लेते हैं। लेकिन, सबकुछ समझ मे आता है। जेल अधीक्षक ने कहा कि दोनों को शीघ्र वतन भेज दिया जाएगा।

पॉल्ट्री फॉर्म चलाता था:

दोनों ने बताया कि अपने देश मे पॉल्ट्री फॉर्म चलाते थे। जिसमें चिकेन और सुअर पालते थे। तीन साल पूर्व भटककर आ गए थे। इसके बाद जेल पहुंच गए। अब वतन वापसी की बात सोचकर काफी खुश हैं

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