देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच श्रम संसाधन विभाग ने फिर से कॉल सेंटर शुरू करने का निर्णय लिया है। इस कॉल सेंटर पर बिहार से बाहर काम कर रहे मजदूरों को पूरी जानकारी दी जाएगी। अगर लॉकडाउन या किसी अन्य कारण से मजदूर किसी भी राज्य में फंस जाते हैं तो उन्हें बिहार आने में सरकार मदद करेगी। कॉल सेंटर पर मिली जानकारी के हिसाब से राज्य सरकार संबंधित राज्यों से बातचीत भी करेगी।

कोरोना शुरू होने पर साल 2020 में सबसे पहले कॉल सेंटर शुरू किया गया था। उस समय देश भर से लाखों बिहारी अपने घर वापस आए थे। उस समय विभाग के खुले कॉल सेंटर पर हजारों लोगों ने फोन कर मदद मांगी थी और सरकार की ओर से उन्हें आवश्यक सहायता भी दी गई थी। इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर में भी वही व्यवस्था लागू थी। अब एक बार फिर कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए श्रम संसाधन विभाग ने तय किया है कि पहली व दूसरी लहर की तरह कोरोना के मौजूदा मामले को देखते हुए वही व्यवस्था लागू की जाए।

कॉल सेंटर का नंबर जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। चौबीसों घंटे काम करने वाला इस कॉल सेंटर पर दक्ष लोगों को रखा जाएगा। विभाग के वरीय अधिकारी को इसका नोडल पदाधिकारी बनाया जाएगा ताकि मजदूरों की समस्याओं से सरकार के वरीय अधिकारी आसानी से अवगत हो सकें। सार्वजनिक माध्यमों से कॉल सेंटर के बारे में पूरी जानकारी मजदूरों को दी जाएगी। कॉल सेंटर पर देश भर में काम करने वाले बिहारी समुदाय के लोग फोन कर सकेंगे

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