सोमवार को सीतामढ़ी के मेहसौल ओपी में पुलिस हिरासत में शराब पीने के आरोपित की हुई मौत के मामले में ओपी प्रभारी मोसीर अली समेत दस अज्ञात पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है। मृतक की पत्नी द्वारा दिए गए आवेदन पर नगर थाने में यह प्राथमिकी दर्ज हुई है।

मृतक की पत्नी गायत्री देवी द्वारा दिए आवेदन में लिखा गया है कि सोमवार की शाम को उनके पति विश्वनाथ चौधरी को दुकान से ही मेहसौल ओपी प्रभारी मोसीर अली खान एवं उसके सहयोगी कर्मी ने मिलकर पकड़ लिया और उन्हें मेहसौल ओपी के हाजत में बंद कर पिटाई की।

आवेदन में गायत्री देवी ने मोसीर अली खान पर जातिसूचक शब्द इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है। पत्नी का आरोप है कि हाजत में पिटाई के दौरान उनके पति बेहोश होकर गिर पड़े और पुलिस वाले अस्पताल में छोड़कर भाग गए। इसके अलावा गायत्री देवी ने बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है। आयोग से भी शिकायत की गई है।

नगर थाना में आईपीसी 302 एवं 34 और एससी एसटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस केस में सदर एसडीपीओ रमाकांत उपाध्याय को अनुसंधानकर्ता बनाया गया है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि एसडीपीओ की जांच में क्या कुछ सामने आता है और आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी कब होती है ?

बताते चलें कि सोमवार की शाम को ओपी क्षेत्र के कृष्णा नगर से स्थानीय निवासी विश्वनाथ चौधरी नामक व्यक्ति को पुलिस ने शराब पीने के आरोप में हिरासत में लिया था। मृतक के पुत्र का कहना है कि थाने में उनके पिता से किसी पुलिस वाले ने मिलने नहीं दिया।

अचानक, उनके पिता के मौत की खबर मिली जिसके बाद परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस हिरासत में विश्वनाथ चौधरी की पिटाई की गई थी जिसके बाद हालात गंभीर हो गई। मेहसौल ओपी ने आनन फानन में सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया जहां विश्वनाथ चौधरी की मौत हो गई।

घटना के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल में जमकर हंगामा किया। घटना के बाद सदर अस्पताल पहुंचे एसपी कर किशोर राय को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। सदर अस्पताल में घंटों हंगामा करने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल सका था।

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