भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या से लेकर माता जानकी की नगरी बिहार के सीतामढ़ी (Ayodhya-Sitamarhi Road) तक आना-जाना जल्द ही आसान होगा. केंद्र सरकार ने अयोध्या से सीतामढ़ी तक जाने वाली सड़क को फोरलेन बनाने की सहमति दे दी है. पिछले दिनों केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन को पत्र लिखकर इसकी सूचना दी थी. अयोध्या से सीतामढ़ी तक राम सर्किट (Ram Circuit) के रूप में घोषित सड़क में बिहार में 243 किलोमीटर का निर्माण होगा जो यहां के कई जिलों से होकर गुजरेगा.

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि इसके निर्माण से राम सर्किट का सपना पूरा होगा. जल्द ही इसका डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाकर केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा जिसके बाद इस पर काम शुरू होगा. फोरलेन सड़कें बन जाने से प्रदेश के कई जिलों के विकास में रफ्तार आएगी.

बिहार के इन जिलों को फायदा

अयोध्या से सीतामढ़ी तक बनने वाले फोरलेन बिहार के कई जिलों से होकर गुजरेगी. राम सर्किट में बनने वाला यह फोरलेन राज्य में कई जिलों में 243 किलोमीटर लंबा होगा और यह सीवान, सारण, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी से होकर गुजरेगा. महरौनी से सीवान तक 40 किलोमीटर का रास्ता 1,254 करोड़ की लागत से तैयार होगा. सीवान से मशरख तक 51 किलोमीटर सड़क का निर्माण 1,351 करोड़ की लागत से बनेगा. वहीं, मशरख से चकिया तक 48 किलोमीटर सड़क का निर्माण 1,450 करोड़ की लागत से निर्माण होगा. चकिया से शिवहर, सीतामढ़ी होकर भिठामोड़ तक 103 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण 2,100 करोड़ की लागत से करवाया जाएगा.

क्या है राम सर्किट?

रामायण सर्किट पर्यटन के लिहाज से वो धार्मिक सर्किट है जिसका संबंध भगवान राम से रहा है. भगवान राम जहां पैदा हुए, जिन स्थानों से होकर गुजरे, जीवन में जहां से उनका संबंध रहा, जहां वो वनवास के दिनों में रहे. साथ ही जहां माता सीता की खोज में गए, तमाम ऐसे स्थलों को क्या को राम सर्किट के रूप में जोड़ा गया है. केंद्र सरकार ने ऐसे क्षेत्रों के रूप में 15 शहरों को चुना है जो भगवान राम के लिहाज से काफी धार्मिक मायने रखता है. लोग बड़े पैमाने पर इन स्थानों पर जाते हैं और दर्शन करते हैं. केंद्र सरकार ने ऐसे सभी जगहों तक जाने के लिए घोषित रामायण सर्किट में फोरलेन बनाने का निर्णय लिया है.