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बिहार में सरकार गठन के बाद पहली बार PM मोदी के सामने आएंगे तेजस्वी यादव, हो सकता है बड़ा फैसला

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एक पखवाड़े के अंदर दूसरी बार भाजपा के दो शीर्ष नेताओं से मुलाक़ात होने जा रही है। बिहार में जेडीयू का भाजपा के साथ अगस्त महीने में गठबंधन टूटने और नया गठबंधन बनने के बाद यह दूसरा मौका होगा जब तेजस्वी केंद्र के दो बड़े नेता से मिल रहे हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री ने सबसे पहले अमित शाह से मुलाकात किया और अब वो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं।

दरअसल, केंद्र सरकार के तरफ से कोलकाता में नमामि गंगे योजना के तहत एक कार्यक्रम प्रायोजित किया गया है। जिसका उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं। इस कार्यक्रम में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के सभी मुख्यमंत्री को शामिल होना है। लेकिन, बिहार के तरफ से सीएम नीतीश कुमार इसमें शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह पर एक बार फिर से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए 30 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई है। इसमें गंगा नदी को प्रदूषण से मुक्त करने और नदियों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से नमामि गंगे योजना चलाई गई है।

बता दें कि, इससे पहले बिहार विधानमंडल भवन के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम के दौरान तेजस्वी यादव की मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई थी। यह मुलाकात जुलाई के महीने में हुई थी। इसमें तेजस्वी बतौर नेता प्रतिपक्ष शामिल हुए थे। लेकिन,अब तेजस्वी की मुलाकात नरेंद्र मोदी से डिप्टी सीएम के रूप में होने वाली है।

गौरतलब हो कि, यह पहला  मौका होगा जब बिहार में नई सरकार के गठन के उपरांत तेजस्वी यादव देश के प्रधानमंत्री से मिलेंगे। इससे पहले वो बतौर उपमुख्यमंत्री पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में अमित शाह से मिले थे। केंद्रीय गृह मंत्री के तौर पर अमित शाह की अध्यक्षता में कोलकाता में ही पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक वेस्ट बंगाल के सचिवालय में आयोजित की गयी थी। उसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए थे। परिषद की बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार नहीं गए और तेजस्वी यादव ने राज्य के प्रतिनिधि के तौर पर भाग लिया था। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं।

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