नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक से किनारा किया है, तब से अभी तक उन्होंने किसी भी बैठक में शिरकत नहीं किया है।बैठक में या तो अधिकारी जा रहे हैं अथवा किसी ना किसी मंत्री को अपना प्रतिनिधि बनाकर वह भेज दे रहे हैं।अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 30 दिसंबर को कोलकाता में आयोजित नमामि गंगे योजना पर बैठक से भी नीतीश कुमार ने दूरी बना ली है।

पटना: एनडीए से नाता तोड़ महागठबंधन के साथ जाने के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केन्द्र की मोदी सरकार से आंख से आंख मिलाकर बात करने से परहेज कर रहे हैं। यही कारण है कि केन्द्र सरकार के द्वारा आयोजित किसी भी बैठक में भाग लेने से वह बच रहे हैं। नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक से किनारा किया है, तब से अभी तक उन्होंने किसी भी बैठक में शिरकत नहीं किया है।

बैठक में या तो अधिकारी जा रहे हैं अथवा किसी ना किसी मंत्री को अपना प्रतिनिधि बनाकर वह भेज दे रहे हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 30 दिसंबर को कोलकाता में आयोजित नमामि गंगे योजना पर बैठक से भी नीतीश कुमार ने दूरी बना ली है। इस बैठक में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।

ऐसे में नीतीश कुमार के इस बैठक में नहीं जाने को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कोई इसे 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी बनाम नीतीश के शंखनाद से जोड़कर देख रहा है, तो कोई इसे बिहार में एनडीए में टूट के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के साथ आंख से आंख मिलाने में हिचकना बता रहा है।

इसमें यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार अब प्रमुख कार्यक्रमों में तेजस्वी को आगे बढ़ाकर अपने उस वक्तव्य को सच कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि वर्ष 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव प्रतिनिधित्व करेंगे। वैसे अलग-अलग दावे के बीच खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ी है।

उन्होंने एक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब नमामि गंगे से जुड़े कार्यक्रम में बिहार के उप मुख्यमंत्री राज्य का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं। इस तरह की किसी भी बैठक में मैं सम्मिलित नहीं हुआ था। पहले भी उपमुख्यमंत्री गए थे आज भी उपमुख्यमंत्री जा रहे हैं। जब एनडीए के साथ सरकार थी और सुशील मोदी उप मुख्यमंत्री थे तब वे गए थे।

अब तेजस्वी यादव जा रहे हैं। वहीं दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ जो बैठक हुई थी, उसमें हम शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि बात करने वाले लोग तरह-तरह की बात करते रहते हैं। गंगा नदी को लेकर क्या कुछ काम करना है इस पर बात करेंगे और क्या कुछ करना है, वह हम पहले से कर रहे हैं।

यहां बता दें कि हाल ही में जब जी-20 की बैठक में पीएम मोदी से मिलने की बारी आई तो नीतीश कुमार उस बैठक में नहीं गए थे। बाद में इसी से सम्बद्ध एक ऑनलाइन बैठक में उन्होंने राज्य का प्रतिनिधित्व किया था। उल्लेखनीय है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार अस्तित्व मे आने के बाद यह दूसरा मौका है जब तेजस्वी यादव केंद्र सरकार द्वारा आहूत किसी बड़ी बैठक में बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे।

इससे पहले इसी महीने तेजस्वी यादव ने कोलकाता में संपन्न पूर्वी क्षेत्रीय विकास परिषद की बैठक में बिहार का प्रतिनिधित्व किया था। वह बैठक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई थी। पूर्वी क्षेत्र स्थित राज्यों के मुख्यमंत्री उक्त बैठक में शामिल हुए थे।

INPUT : LOKMAT NEWS