सीबीआई नैरेटिव बनाती है कि इस मॉल में तेजस्वी की हिस्सेदारी है.

‘आलोचना और धमकी में फर्क’
तेजस्वी यादव ने अदालत को बताया कि वो झूठी जांच और नैरेटिव के खिलाफ बोल रहे थे. तेजस्वी ने पूछा कि क्या वो बोल नहीं सकते? आलोचना करने और धमकी देने में फर्क होता है. मैं मॉल का हिस्सेदार नहीं बल्कि मैं विक्टिम हूं.

राजद ने क्या कहा?
बता दें कि 24 अगस्त को छापे इसी मॉल में हिस्सेदारी को लेकर डाले गए थे. इस केस पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी के भाई तेज प्रताप यादव ने कहा कि इंसाफ की जीत हुई है. तेजस्वी को फटकार के सवाल पर आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि इसे फटकार के तौर पर नहीं लेना चाहिए. अदालत ने बस कहा कि आप शब्दों के चयन का ख्याल रखिए. 

कुल मिलाकर तेजस्वी को फटकार सुर्खियां बनी हैं लेकिन ये तथ्य है कि सीबीआई की अर्जी स्वीकार नहीं हुई. कोर्ट ने साफ कहा कि बेल रद्द करने का कोई आधार नहीं है. तेजस्वी ने कुछ बेहद गंभीर मुद्दे अदालत में उठाए हैं. खासकर 24 अगस्त को रेड की टाइमिंग और नैरेटिव बनाने को लेकर.

Input:- Zee News