कहते हैं प्यार अंधा होता है, वो न जाति देखता है और ना ही दान दहेज. प्यार अगर सच्चा हो तो अपने मुकाम तक पहुंच ही जाता है. प्यार से जुड़ा एक ऐसा ही मामला बिहार से आया है जहां महज पांच दिन में ही एक जोड़े ने इसे अंजाम तक यानी शादी तक पहुंचा दिया वो भी परिवार की रजामंदी से और बिना दहेज के. खास बात ये है कि इस प्यार की शुरूआत अस्पताल से हुई और ये मुकाम पर मंदिर में पहुंचा जहां ईश्वर को साक्षी मानकर प्रेमी जोड़ा एक दूसरे का हो गया.

दरअसरल हाजीपुर के सदर अस्पताल में काम करने वाला एक स्वास्थ्यकर्मी मां का इलाज कराने पहुंची एक युवती पर अपना दिल हार बैठा. इतना ही नही प्रेम में पागल इस कर्मी ने पांच दिन में ही अपनी प्रेम कहानी को अंजाम तक पहुंचा दिया और शहर के पतालेश्वर मंदिर में परिवार वालो की मौजूदगी में दहेज मुक्त शादी भी रचा ली. दरअसल प्रीति सिंह अपनी मां को इलाज के लिए लेकर हाजीपुर सदर अस्पताल पहुंची थी जहां तैनात स्वास्थ्यकर्मी मनिंदर कुमार सिंह से उसकी मुलाकात हुई.

मुलाकात कब प्यार में बदल गया यह दोनों को पता ही नहीं चला. फिर क्या था लड़के ने बगैर देर किए ही लड़की के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया. चूंकि लड़की के पिता नहीं हैं लिहाजा लड़की ने मां का आदेश लेने की बात कही, जिस पर लड़के ने दहेज मुक्त शादी का प्रस्ताव लड़की की मां के सामने रखा जिसे लड़की की मां ने सहर्ष स्वीकार कर लिया. इस प्रेम प्रसंग में पांच दिनों का प्यार सातवें दिन ही शादी के पवित्र बंधन में बदल गया और दोनों परिवार की मौजूदगी में शहर के पतालेश्वर मंदिर में धूमधाम से दोनों की शादी करा दी गई. इस शादी में स्वास्थ्यकर्मी बाराती बन नाचते दिखे तो वहीं स्वास्थ्यकर्मी मनिन्दर और प्रीति भी एक दूसरे के प्यार को पाकर काफी खुश हैं.