एसएसबी 51 का अपहृत हेड कॉन्स्टेबल ज्ञान रंजन को विचित्र हालत में बरामद किया गया है। जवान की हालत देखकर मधुबनी पुलिस और एसएसबी सकते हैं। दरअसल शनिवार को जयनगर के देवधा थाना क्षेत्र से सटे इंडो- नेपाल बॉर्डर के समीप नेपाली रेलवे त्रिमुहानी नहर के किनारे एक 35 वर्षीय युवक को अचेतावस्था में पाया गया। उसके हाथ व पैर बंधे हुए थे तथा मुंह पर टेप सटा हुआ था।

लोगों ने देवधा पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसके हाथ व पैर की रस्सी खोलकर अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया। बेहोश युवक को होश में आने के बाद उसकी पहचान एसएसबी 51वीं बटालियन सीतामढ़ी के हेडकॉस्टेबल ज्ञान रंजन के रूप में हुई।

जवान ने कुछ नही बताया

घायल जवान ने परिजन व विभागीय अधिकारियों का हवाला देकर कुछ भी बताने से परहेज किया। उसने बताया कि उसका अपहरण कर लिया गया था। वह एसएसबी 51 बटालियन में सीतामढ़ी में पोस्टेड है। उसने अपना घर बेगूसराय बताया है। इसके बाद उसे कब,कैसे,किसने अपहरण किया के जवाब में विभागीय व परिजन को बताने की बात कहकर चुप हो गये।

एसएसबी ने जवान के अपहरण का मामला सितंबर में सीतामढ़ी में दर्ज कराया था। देवधा थानाध्यक्ष रमेश शर्मा ने बताया कि सितम्बर माह में एसएसबी 51वीं  मुख्यालय के द्वारा अपहरण मामले का एफआईआर सीतामढ़ी टाउन थाने में दर्ज है। सीतामढ़ी पुलिस व विभागीय अधिकारी को सूचना दे दी गई है। आते ही उसे सुपुर्द कर दिया जाऐगा।

फरारी की दी गयी थी सूचना

जवान के परिजनों नें बताया कि ज्ञान रंजन सीतामढ़ी में एसएसबी की 51 वीं बटालियन में हेड कांस्टेबल के रूप में कार्यरत है। बीते बीते 14 सितंबर  को एसएसबी कैंप से उन्हें सूचना दी गई थी कि ज्ञान कैंप से फरार हो गया। परिजनों का कहना है कि एसएसबी के अधिकारियों ने उनके बेटे पर फरार होने का झठा आरोप लगाते हुए  मेहसौल ओपी में शिकायत दर्ज कराई थी।

इस मामले में सीतामढ़ी एसएसबी 51वीं के कमांडेंट से बात करने की कोशिश की गयी तो उनका मोबाइल स्वीच ऑफ था। वहीं सीतामढ़ी टाउन थानाध्यक्ष कुछ बताने से टाल मटोल कर गये। इधर, जवान के हाथपांव बंधे व मुंह में टेप लगा बरामदगी की खबर से स्थानीय लोग सकते में हैं। आखिर किसने इसका अपहरण कर जान मारने के इरादे से यहां बॉर्डर के किनारे छोड़ दिया।