जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी अगले महीने बुलाई जा सकती है। फर्स्ट बिहार को जेडीयू के विश्वस्त सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में ही आयोजित की जाएगी, तारीख अभी तय नहीं हुई है लेकिन माना जा रहा है कि अगले महीने की बैठक आयोजित की जाएगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर कई राष्ट्रीय और मुद्दों के साथ-साथ बिहार की राजनीति को ध्यान में रखकर चर्चा होगी। संगठन को कैसे मजबूत किया जाए और कैसे बिहार के अलावे दूसरे राज्यों में पार्टी सशक्त बने इसे लेकर भी ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा। लेकिन सबसे प्रमुख एजेंडा कॉमन सिविल कोड जैसा मामला रहेगा।

माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की मोदी सरकार जिस तरह कॉमन सिविल कोड को लेकर आगे बढ़ने की तैयारी में है उसे देखते हुए जनता दल यूनाइटेड अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इस पर चर्चा करेगी। कहीं न कहीं जेडीयू का मकसद होगा बीजेपी को कैसे उसके एजेंडे के ऊपर ही घेरकर रखा जाए। कॉमन सिविल कोड एक ऐसा मसला है जिस पर बीजेपी और जेडीयू की राय मेल नहीं खाती। बीजेपी देश भर में इसे लागू करना चाहती है तो जेडीयू का मानना है कि ऐसे मसलों पर आम सहमति जरूरी है, अगर कहीं भी इसका विरोध हो रहा है तो ऐसे विवादित मुद्दे को छोड़ देना चाहिए। संसद के मानसून सत्र में कॉमन सिविल कोर्ट से जुड़ा बिल पेश किए जाने की पूरी संभावना है लिहाजा नीतीश कुमार भी इस मसले पर पार्टी के अंदर चर्चा कर लेना चाहते हैं।

एक तरफ जनता दल यूनाइटेड कॉमन सिविल कोड के मसले पर बीजेपी के ऊपर दबाव बनाना चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना और जातीय जनगणना का मामला ऐसे तीर हैं जिसे जेडीयू अपनी तरफ से निकाल सकता है। विशेष राज्य के दर्जे पर एक बार फिर जेडीयू की तरफ से केंद्र पर दबाव बनाने की मुहिम शुरू हो सकती है, मकसद साफ होगा स्पेशल स्टेटस के बहाने बीजेपी को कॉमन सिविल कोड जैसे मसले पर आगे बढ़ने से रोका जाए। इसका कितना असर हो पाएगा यह देखना भी दिलचस्प होगा। जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जातीय जनगणना को लेकर भी पुराना स्टैंड दोहराया जाएगा। अब इंतजार है राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आधिकारिक घोषणा कब होती है।

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