सदर अस्पताल स्थित एमसीएच में जल्द काडिर्योटोकोग्राफी सीटीजी मशीन लग कर तैयार हो जाएगा। इससे गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु की स्थिति की जानकारी मिलेगी। फिलहाल दो मशीन मशीन लगाई जा रही है। इसके लग जाने से डॉक्टरों को उपचार करना आसान होगा। साथ ही मरीज को आर्थिक बोझ भी कम पड़ेगा।

इससे पहले निजी क्लीनिकों का सहारा लेना पड़ता था। अस्पताल की उपाधीक्षक सुधा झा ने बताया कि यह सामान्य टेस्ट है जिसमें कोई दर्द नहीं होता, और न ही शरीर में अंदर कुछ उपकरण डाला जाता है। यह जांच गर्भावस्था के दौरान शिशु की स्थिति जानने के लिए की जाती है।

सीटीजी जांच को ‘नॉन स्ट्रेस टेस्ट’ (एनएसटी) भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपका शिशु अभी प्रसव के तनाव में नहीं होता और इस प्रक्रिया के दौरान ऐसा कुछ नहीं होता जिससे शिशु पर तनाव पड़े। टेस्ट के दौरान डॉक्टर शिशु के दिल की धड़कन को जांचेंगे। पहले जब शिशु गर्भ में आराम कर रहा हो तब धड़कन देखी जाएगी, और जब वह हिल-डुल रहा हो तब दोबारा धड़कन मापी जाएगी।

जिस तरह जब हम सक्रिय होते हैं तो दिल की धड़कन तेज चलती है, ऐसे ही शिशु जब हिल-डुल रहा हो या पैर चला रहा हो तो उसकी हृदय गति भी तेज होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सीटीजी पुरी तरह से एडवांस इल्कट्रॉनिक मानेशन मशीन है।

Input : Dainik jagran