सीतामढ़ी का पहला ऑनलाइन आम स्टोर ‘अपना खेत’ से इस सीजन में जर्दा, बंबड्या और मालदह आम की पहली खेप विदेश भेजी जाएगी। इस स्टोर का आम सिर्फ अभी भारत के 18 राज्यों में भेजी जा रही थी। लेकिन अब दुबई, स्वीडन और USA भेजा जाएगा।

बताया गया की पिछले साल भी विदेश से ऑर्डर आया था, लेकिन तकनीकी कारणों से सप्लाई नहीं हो सकी थी। इस अपना खेत स्टोर द्वारा पैक की गई आम 10 दिन तक खराब नहीं होती है। ऐसे में इनकी ब्लू डार्ट के अलावा इस बार डाक घर के निर्यात सेवा से आम को विदेश भेजने की प्लानिंग चल रही है।

फिलहाल अपना खेत को तीन देश से ऑर्डर आया है। इसके अलावा भारत के 18 राज्य में सप्लाई की जा रही है। दरअसल, जिले के बथनाहा प्रखंड क्षेत्र के मझौरा गांव निवासी अपना खेत के संचालक कृषि समन्वयक और अग्रणी आम उत्पादक किसान आलोक कुमार ने ये सुविधा शुरू की है।

आलोक कुमार मालदह, बंबड्या, जर्दा समेत अन्य किस्म के आम का आधुनिक उत्पादन करते हैं। इसके द्वारा वैज्ञानिक तरीके से आम का उत्पादन किया जाता है। लोग आम में कीड़े मारने के लिए दवा का प्रयोग करते हैं। लेकिन यह, एक डब्बा लगाकर उसमें मादा प्रजाति का कीड़ा डालते हैं।

इसकी वजह से सारा कीड़ा डब्बे में चला जाता है। जहां से उसका निकलना मुश्किल है और आम भी सुरक्षित रहता है। आलोक कुमार आम टूटने के बाद एक महीने बाद से ही पेड़ों को अगले साल के लिए तैयार करने लगते हैं। उन्होंने बताया कि अगस्त महीने से ही आम के पेड़ का देखभाल शुरू कर देते हैं।

इसकी वजह से आम का उत्पादन सोच से अधिक होता है। आलोक कुमार ने बताया कि उनका 15 एकड़ में आम की खेती है। कोरोना काल में आम नहीं बिक रहा था और किसान चिंतित थे। तब इनके दिमाग में आम का ऑनलाइन सप्लाई का दिमाग आया।

इसके बाद इन्होंने अपना खेत नामक साइट बनाई। उसका रजिस्ट्रेशन भी कराया और बिजनेस शुरू किया। पहली बार दो राज्यों से तो दूसरी बार 9 राज्य और तीसरी बार 18 राज्य से आम का ऑर्डर मिलने लगा। इतना ही नहीं पिछली बार विदेश से भी आम का डिमांड शुरू हुआ।

लेकिन तकनीकी कारणों से आम विदेश नहीं पहुंचा। लेकिन इस बार विदेश भेजने का प्लान चल रहा है। आलोक कुमार ने बताया कि वह हवाई जहाज के माध्यम से देश के सभी राज्यों में आम सप्लाई करते हैं। इस कार्य में किसान आलोक कुमार के साथ कई मजदूर काम करते हैं।

इसके अलावा अब जिले के किसान इनसे मिलकर अपने आम को इन्हीं के हाथ बेच देते हैं। अपने गांव के अलावा सीतामढ़ी के दर्जनों गांव से आम कलेक्ट करके आम का सप्लाई बड़े पैमाने पर करते हैं। जिनसे यह आम लेते हैं, उन्हें वह पहले खेती की ट्रेनिंग देते हैं कि किस तरीके से आम की खेती करनी है।

उन्होंने बताया कि जिस आधुनिक तरीके से खुद खेती करते हैं, उसी तरह दूसरे किसान को उत्पादन का टिप्स देते हैं। इससे पहले उन्हें अपना खेत संस्था से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। आम उत्पादक किसान आलोक कुमार ने सुझाव दिया कि मालदह आम की मार्केटिंग के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में मालदह महोत्सव का आयोजन किया जाए। इससे दूसरे राज्य के लोगों को इस आम का स्वाद चखाया जा सके और बिहार में मालदह इकोनॉमी विकसित हो सके।

INPUT : BHASKAR