भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. चाहे बात रोजगार देने की हो या अन्य यह अपने संसाधनों का पूरा उपयोग करता है. रेलवे विभिन्न प्रकार की ट्रेनों का संचालन करता है, जिसमें पैसेंजर से लेकर गुड्स ट्रेन तक शामिल है. हालांकि, इसी में शामिल रेलवे की ऐसी विशेष ट्रेन है, जिसे NMG ट्रेन कहा जाता है. सफर के दौरान आपने इस ट्रेन को देखा भी लेकिन इसे आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कैसी ट्रेन है, आखिर इसके अंदर क्या है.

इन ट्रेनों के दरवाजे और खिड़कियां पूरी तरह से बंद होती हैं. अगर आपने ऐसे ट्रेनों को देखा होगा, तो आपके मन में सवाल आना लाजमी है कि, इस कोच का इस्तेमाल किस काम के लिए किया जाता है? आखिर बंद खिड़कियों के अंदर क्या है? क्या इनमें अंदर कोई यात्री यात्रा कर रहा है? तो, चलिए आपको बताते हैं कि रेलवे इन कोच के बारे में….

NMG ट्रेन की फुलफॉर्म New Modified Goods ट्रेन होती है. इन ट्रेनों के माध्यम से एक राज्य से दूसरे राज्य में माल ढुलाई की जाती है. पैसेजेंर ट्रेन को गुड्स ट्रेनों में तब्दील कर इन ट्रेनों को बनाया जाता है. एक यात्री कोच को NMG कोच में तब्दील करने के बाद उसे 5 से 10 वर्ष तक और इस्तेमाल किया जाता है.

यात्री कोच को NMG कोच में तब्दील करने के लिए कोच को पूरी तरह से सील कर दिया जाता है. अंदर के सभी सीट को खोलकर हटा दिया जाता है. पंखे और लाइट को खोल दिया जाता है. साथ ही इसे और मजबूत बनाने के लिए लोहे की पट्टियों को लगाया जाता है.

साधारण कोच जब 25 वर्ष की सर्विस दे चुका होता है तब, उसे सेवा से मुक्त कर दिया जाता है. इसके बाद इन्हें ऑटो कैरियर में तब्दील दिया जाता है और इसका नाम हो जाता है NMG रेक. इसे कुछ इस तरह से तैयार किया जाता है जिसमें कार, मिनी ट्रक और ट्रैक्टरों को आसानी से लोड और अनलोड किया जा सकता है.

अब आप कहेंगे कि जब इसे पूरी तरह से सील कर दिया जाता है तो फिर इसमें सामान कैसे रखा जाता है. बता दें कि पूरी तरह से सील करने का मतलब है खिड़की और दरवाजे को लॉक कर देना. सामान रखने के लिए कोच के पिछले हिस्से में दरवाजा बनाया जाता है.

INPUT : NEWS 18