हिंदू धर्म में होली का खास महत्व है. यह त्योहार, हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है, जिसे छोटी होली कहा जाता है. इस दिन सूर्यास्त के बाद होलिका की पूजा-अर्चना कर उसे जलाया जाता है. इसके अगले दिन गुलाल और रंग वाली होली खेली जाती है. साल 2024 में होली का त्योहार 25 मार्च, सोमवार को होगा.

2024 में होली का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ: मार्च 24, 2024 को सुबह 09:54 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: मार्च 25, 2024 को दोपहर 12:29 बजे

होली का त्योहार भारत के कुछ क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में होली के पांचवें दिन रंगपंचमी मनाई जाती है, जो मुख्य होली से भी अधिक जोश के साथ खेली जाती है. ब्रज क्षेत्र में होली बहुत धूमधाम से मनायी जाती है.

बरसाना की लट्ठमार होली बहुत मशहूर है. मथुरा और वृन्दावन में 15 दिनों तक होली की धूम रहती है. महाराष्ट्र में रंग पंचमी के दिन सूखे गुलाल से होली खेली जाती है. पुराणों में होली से जुड़ी कई कथाओं का वर्णन है. होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है.

कथा के अनुसार असुर हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था, लेकिन यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी. बालक प्रह्लाद को भगवान कि भक्ति से विमुख करने के लिए उसने अपनी होलिका की मदद ली.

होलिका के पास वरदान था कि अग्नि उसके शरीर को जला नहीं सकती. प्रह्लाद को मारने के उद्देश्य से होलिका उसे अपनी गोद में लेकर अग्नि में प्रविष्ट हो गयी, लेकिन प्रह्लाद की भक्ति के प्रताप से होलिका खुद ही आग में जल गयी. वहीं रंगवाली होली को राधा-कृष्ण के पावन प्रेम की याद में भी मनाया जाता है.

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