बिहार में बीते चार दिनों से हो रही बेमौसम बरसात, आंधी और ओला वृष्टि ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है। सबसे ज्यादा मौसम की मार मक्का, रबी की फसलों, प्याज, आम और लीची पर पड़ी है। कृषि विभाग नुकसान के आंकलन में जुटा हुआ है।

जिलों से रिपोर्ट मंगाई जा रही है। अब तक 4 जिलों से विभाग को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। किसानों की फसल बर्बादा का मुद्दा बिहार विधानसभा में भी उठा। कृषि मंत्री सर्वजीत ने भरोसा दिलाया है कि 7-10 दिनों के भीतर किसानों के खाते में मदद भेजी जाएगी।

आपको बता दें। राजद विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि ओला वृष्टि और बारिश से जिन किसानों की फसल की क्षति हुई है। उन्हें सरकार मुआवजा दे। जिसके बाद कृषि मंत्री सर्वजीत ने जवाब में कहा कि इस मामले में सभी जिलों के डीएम से रिपोर्ट मांगी गई है और 4 जिलों ने अपनी प्रारम्भिक रिपोर्ट भेज भी दी है।

महज 7 से 10 दिनों के भीतर पीड़ित किसानों के खाते में मदद चली जाएगी। जिन चार जिलों ने प्रशासन को रिपोर्ट भेजी है उसमें मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और गया शामिल हैं। इन सभी जिलों में गेहूं, सरसों, दहलन की क्षति की रिपोर्ट है।

बेमौसम बारिश और आंधी से आम और लीची के मंजर गिर गए हैं। वहीं कृषि विभाग का कहना है कि लगातार बारिश और तेज हवा से फसल नुकसान का सही आंकलन करने के बाद ही रिपोर्ट दी जाएगी। सबसे ज्यादा नुकसान नवादा, मधुबनी, गोपालगंज, सीतामढ़ी, चंपारण में हुआ है।

राज्य के ज्यादातर जिलों के किसान मासूम हैं। उनकी गेंहूं, सरसों की तैयार फसल बर्बाद हो गई है। वहीं आम-लीची के मंजर के झड़ने से उत्पादन प्रभावित होने के आसार हैं। वहीं शेखपुरा में तेज हवाओं के लोग अभी उबर भी नहीं पाए थे कि सोमवार को भी हवाओं के परेशान किया। और रही-सही कसर तेज बारिश ने पूरी कर दी। बारिश से प्याज की फसल चौपट हो गई है। और रबी की फसलों पर व्यापक असर पड़ा है।

INPUT : HINDUSTAN