सीतामढ़ी के बैरगनिया में अस्पताल चौक को शहीद बंशी चाचा चौक करते हुए गोलंबर का निर्माण शुरू कर 18 फरवरी को उनकी प्रतिमा का अनावरण पर ग्रहण तब लग गया है जब नगर परिषद प्रशासन ने रात के अंधेरे में बन रहे गोलंबर को जेसीबी से ध्वस्त करवा दिया।

स्थानीय लोगों में मायूसी छा गयी है। अब इस पर राजनीति शुरू हो गयी है। अंतराष्ट्रीय महत्ता के शहर बैरगनिया के चहुमुखी विकास को लेकर 20 नवम्बर 1997 को शहर के पटेल चौक पर प्रशासन, पुलिस की मौजूदगी में बंशी चाचा ने आत्मदाह कर लिया था।

बीते 9 जनवरी को थाना रोड के एक आवासीय परिसर में भाजपा नेता सह डुमरा प्रखंड के पूर्व प्रमुख देवेंद्र साह की अध्यक्षता में हुई कानू समाज की बैठक में अस्पताल चौक का नामकरण बंशी चाचा चौक करने का निर्णय लेकर नप के सभापति प्रतिनिधि ब्रजमोहन कुमार आदि की उपस्थिति में गोलंबर निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया जहां मंगलवार को तत्काल चाचा की फोटो टांगकर शहर के नेताओं ने कैंडिल मार्च निकाला।

बुधवार की सुबह लोग तब भौचक हो गए जब गोलंबर गायब पाया। भाजपा नेता रामाशीष राय, दीपलाल बघेला, नप के पूर्व अध्यक्ष म. बशीर अंसारी आदि ने गोलंबर गायब होने पर नगर परिषद प्रशासन को निशाना बनाते हुए सभापति प्रतिनिधि को आड़े हाथ लिया। तब प्रतिनिधि ने कहा कि बिना अनुमति के बनने से ही यह सब हुआ है।

इसके पूर्व प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि भाई भूषण बिहारी ने अस्पताल चौक को भामा शाह चौक बताकर आंदोलन की घोषणा कर दी। वही बीडीओ डॉ. अभय कुमार ने नप के ईओ रवि कुमार आर्य को पत्र लिखकर बीच सड़क पर गोलंबर बनने से सड़क अवरुद्ध होने की बात कहकर करवाई का आग्रह किया तो प्रमुख भूषण बिहारी ने भी ईओ से सवाल किए।

ईओ ने बताया कि नगर प्रशासन ने ही जेसीबी, ट्रैक्टर के माध्यम से उक्त गोलंबर को मंगलवार की रात बीच सड़क से हटाया है। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय का भी आदेश है कि सड़क पर गोलंबर, प्रतिमा स्थापित नहीं किया जा सकता है। इधर चर्चा है कि नगर परिषद ने 16 जनवरी की बैठक में अस्पताल चौक का नाम शहीद बंशी चाचा चौक करने का प्रस्ताव पारित किया है।

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