बिहार के शहरी इलाकों में अब तक 10 लाख प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं। बिजली विभाग में जो बताया है वह हैरान करने वाला है। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि स्मार्ट मीटर को लगाने और इससे जुड़े ऐप को नियंत्रित करने का पूरा अधिकार फ्रांस की कंपनी ईडीएफ के पास है। कहा कि बार-बार कहने पर भी प्रीपेड मीटर कंपनी पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर में उपभोक्ताओं को आ रही समस्याएं दिसंबर तक दूर कर ली जाएगी। इसके लिए संबंधित ऐप के कई महत्वपूर्ण नियंत्रण पर राज्य सरकार का अधिकार हो जाएगा। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव कुमार हंस में प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी है।

श्री हंस ने कहा कि मीटर के रिचार्ज और बिल संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए ऊर्जा विभाग के तरफ से केंद्र सरकार की संबंधित कंपनी ईईएसएल को कई बार पत्र लिखा गया है लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है। इस कंपनी पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होने के कारण बिल और रिचार्ज को लेकर निरंतर आ रही समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।

कहा कि बार-बार कहने पर भी मीटर प्रीपेड कंपनी पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। राज्य सरकार इन समस्याओं को दूर करने के लिए दिसंबर तक इस ऐप के कई महत्वपूर्ण चीजों पर कंट्रोल हासिल कर लेगी। साथ ही लोगों की शिकायतें भी सीधे करने की व्यवस्था हो जाएगी।

इससे समस्याओं का समाधान करने में बेहद आसानी होगी। ग्रामीण इलाकों में लगने जा रहे प्री-पेड मीटर को नियंत्रित करने के लिए मौजूदा ऐप से संबंधित एक सहायक तैयार करवाया जा रहा है जो इससे जुड़ा होगा। अब सवाल यह उठता है कि जब बिजली विभाग की तैयारी पूरी थी ही नहीं तो स्मार्ट मीटर लगा कर उपभोक्ताओं को परेशानी में डालने की जरूरत क्या थी ?

Team.