बिहार बोर्ड के स्कूलों में जल्द ही नया सत्र प्रारंभ होने वाला है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने नि :शुल्क पुस्तक वितरण का कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग की तरफ से बताया गया है कि सरकारी बहुत सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंटओं को इस महीने नई किताब मिल जाएगी। सबसे बड़ी बात यह होगी कि इस बार स्टूडेंट के अकाउंट में किताबों को लेकर पैसा नहीं भेजा जाएगा बल्कि सीधा उन्हें किताब ही दिया जाएगा।

दरअसल इससे पहले शिक्षा विभाग के तरफ से राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताब खरीदने के लिए उनके अभिभावकों के अकाउंट में पैसा भेजा जाता था। लेकिन अब इस सत्र में शिक्षा विभाग में बड़ा बदलाव किया है। विभाग यह निर्णय लिया है कि इस बार बच्चों के अभिभावकों के बेड पर दो पहचान नहीं भेज कर सीधे उन्हें किताब उपलब्ध करवाई जाएगी इसको लेकर राज्य कार्यालय से जिला मुख्यालय को किताबें भेजी जा रही है जहां से उसे प्रखंडों को भेजा जाएगा।

बताया जा रहा है कि राज्य कार्यालय से सभी जिलों को डिमांड के हिसाब से 70% किताब की आपूर्ति की जा रही है सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि किताबों की उपलब्धता के अनुसार ही विद्यालयों को किताब दिया जाए। इसके साथ ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने डीईओ और डीपीओ को पत्र भेजकर 11 से 15 अप्रैल तक सभी विद्यालय में पुस्तक वितरण समारोह आयोजित करने का निर्देश दिया है।

शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा कि राज्य स्तर पर जितनी किताबों की डिमांड मिली है अभी उसका 70% में उपलब्ध कराया जा रहा है क्लास के अनुसार पर किताबों के सेट अनुपात में भेजे जाएंगे। जिला का प्रखंड और प्रखंड से विद्यालय स्तर पर किताबें भेजते समय भी ध्यान रखा जाएगा कि जरूरत के हिसाब से ही किताब भेजी जाए ताकि कहीं किताबों की कमी ना हो जाए।

आपको बताते चले कि, इससे पहले भी बिहार सरकार के तरफ से स्कूलों में बच्चों को सीधा किताबें उपलब्ध कराया जाता था लेकिन पिछले दिनों इसमें बदलाव किया गया था और बच्चों के अभिभावकों के खाते में किताब खरीदने को लेकर पैसा भेजा जाता था। जिसके बारे में कुछ शिकायतें भी मिलनी शुरू हो गई तो फिर यह निर्णय लिया है कि वापस से बच्चों को विद्यालय के स्तर से ही किताब उपलब्ध कराया जाएगा।