सीतामढ़ी नगर निगम के वार्ड 38 की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने चार अफसरों को दोषी माना है. चारों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. आयोग से इसकी हरी झंडी मिल गयी है.

इसका पत्र आते ही गड़बड़ी का मामला फिर सुर्खियों में है. जिन अफसरों को दोषी माना गया है उनमें सदर एसडीओ प्रशांत कुमार, तत्कालीन सदर एसडीओ राकेश कुमार, डुमरा बीडीओ अमरेंद्र कुमार व तत्कालीन जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मुमताज आलम आदि शामिल हैं. सभी के खिलाफ प्रपत्र (क) गठित कर आयोग की ओर से रिपोर्ट मांगी गयी है.

आयोग ने दोषियों से स्पष्टीकरण भी पूछा है. इससे पूर्व डीएम ने स्पष्टीकरण पूछा था. आयोग को रिपोर्ट भेजी थी. जिले में संभवतः यह पहली बार है, जब वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर एक साथ चार अफसरों पर कार्रवाई होगी.

इससे पूर्व सभी के जेहन में आज भी है कि कैसे एक पूर्व एसडीओ ने पूर्व नगर विधायक हरिशंकर प्रसाद को चुनाव हरा दिया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हरिशंकर प्रसाद की जीत हुई थी. तब उनकी काफी किरकिरी हुई थी.

निगम के वार्ड 38 के पांच में से चार प्रत्याशियों ने निर्वाची पदाधिकारी सह डीडीसी से वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत की थी. शिकायत को डीडीसी ने काफी गंभीर बताया था और एक जून को सदर एसडीओ को जांच सौंपी थी.

दो जून को डुमरा बीडीओ को जांच सौंप दी गयी. यानी न सदर एसडीओ अपने स्तर से जांच कर सके और न बीडीओ ही. बीडीओ द्वारा तीन जून को जांच रिपोर्ट प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी को सौंप दी गयी थी.

उन्होंने बीडीओ को छह जून को रिपोर्ट सौंपी थी. जिला स्तर पर शिकायत का हाल देख प्रत्याशियों को यह लग गया कि प्रशासन जानबूझ कर विलंब कर रहा है और उसकी मंशा जांच के नाम पर उप चुनाव करा लेने की है. कारण कि छह जून को बीडीओ को ही जांच रिपोर्ट मिली थी. वे एसडीओ को भेजते और वहां से डीडीसी को जाता, फिर डीएम के पास.

इस बीच उपचुनाव की तिथि नौ जून चला आता और संभव था कि चुनाव करा लिया जाता. यही सोच कर चारों प्रत्याशी पांच जून को आयोग कार्यालय पहुंच गये थे. आयोग ने उसी दिन डीएम को जांच के लिए भेज दिया और शीघ्र जांच रिपोर्ट मांगी थी. एडीएम द्वारा जांच की गयी थी. रिपोर्ट में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद आयोग ने सात जून को उप चुनाव स्थगित कर दिया था।