देश में हो भारी बारिश और बाढ़ के हालातों के बीच आई फ्लू (Eye Flu) का कहर तेजी से बढ़ रहा है. तमाम राज्यों में लाखों की तादाद में लोग आंखों की इस परेशानी की चपेट में आ गए हैं. हालात यह हैं कि कई राज्यों में आई फ्लू के खतरे को देखते हुए स्कूलों को बंद करना पड़ा है.

आई फ्लू की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आ रहे हैं, जिसने सभी की चिंता बढ़ा दी है. आई फ्लू को मेडिकल की भाषा में कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) कहा जाता है. आंखों के इस फ्लू से संक्रमित होने पर लोगों की आंखें लाल हो जाती हैं और उनमें खुजली होने लगती है.

आंखों से पानी बहने लगता है और लाइट से दिक्कत महसूस होने लगती है. कई लोगों की आंखों में सूजन भी देखने को मिलती है. आई फ्लू के बढ़ते कहर के बीच तमाम लोगों को यह लग रहा है कि आई फ्लू संक्रमित व्यक्ति की आंखें देखने से भी फैल सकता है. आखिर इसकी हकीकत क्या है? आंखों के डॉक्टर से सच्चाई जान लेते हैं.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के आई स्पेशलिस्ट डॉ. तुषार ग्रोवर के मुताबिक आई फ्लू यानी कंजक्टिवाइटिस एक वायरल इंफेक्शन है, जो तेजी से फैलता है. यह वायरस के संक्रमण की वजह से हो जाता है और लोगों की आंखों में परेशानी होने लगती है.

इस इंफेक्शन से आंखे लाल होना, आंखों से फ्लूड निकलना, आंखों में खुजली होना, सूजन आना और लाइट सेंसिटिविटी जैसी दिक्कतें होने लगती हैं. यह इंफेक्शन आंखों के लिए खतरनाक नहीं होता है और 1-2 हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाता है.

इससे ज्यादातर लोगों को विजन में कोई दिक्कत नहीं होती है. कई बार इसकी वजह से विजन में टेंपररी परेशानी आ सकती हैं, लेकिन वह समय के साथ ठीक हो जाती है. यह एक सेल्फ लिमिटिंग इंफेक्शन है. इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है.

डॉ. तुषार ग्रोवर कहते हैं कि आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति की आंखें देखने से दूसरे व्यक्ति को यह इंफेक्शन नहीं हो सकता है. यह कंजक्टिवाइटिस को लेकर लोगों के बीच सबसे बड़ी गलतफहमी है. आमतौर पर आई फ्लू सर्फेस से फैलता है.

अगर संक्रमित व्यक्ति कहीं हाथ लगाए और उस जगह के संपर्क में आने वाला व्यक्ति अपनी आंखों पर हाथ लगा ले, तो यह वायरस फैल जाएगा. संक्रमित व्यक्ति की तौलिया, बेडशीट, तकिया या अन्य पहनने वाले कपड़ों के जरिए भी आंखों का यह संक्रमण फैल सकता है.

हालांकि इससे बचने के लिए लोगों को अपने हाथों को साफ रखना होगा और आंखों को टच करने से बचना होगा. डॉक्टर की मानें तो आई फ्लू से संक्रमित होने पर लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. यह सेल्फ लिमिटिंग इंफेक्शन है, जो एक या दो सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाता है.

इसे ठीक करने के लिए किसी टैबलेट की जरूरत नहीं होती है. अगर आपको ज्यादा इरिटेशन हो रही है, तो आर्टिफिशियल टीयर और लुब्रिकेंट आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि एंटीबायोटिक आई ड्रॉप का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही करें. अगर ज्यादा दिक्कत हो, तो डॉक्टर से मिलें. कई बार आई फ्लू जैसे लक्षणों वाली आंखों की अन्य परेशानियां भी हो सकती हैं, ऐसे में लापरवाही न बरतें और डॉक्टर से मिलें.

INPUT : NEWS 18