पूर्व में शिक्षक नियोजन में फर्जी प्रमाण का सहारा लेने वाले दर्जनों शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, तो सौ से अधिक शिक्षक अब भी जांच के दायरे में है. इन शिक्षकों के नियोजन का फाइल गायब बताया जा रहा है. अवैध नियोजन का मामला सरकार के लिए एक बड़ा सिरदर्द बना हुआ है. इस बीच, अभी चल रहे नियोजन में एक बार फिर कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी बीटीईटी/सीटीईटी प्रमाण-पत्र का सहारा लेकर नियोजन करा लेने की कोशिश की थी, पर वे डीइओ अवधेश प्रसाद सिंह की पैनी नजरों से नहीं बच सके हैं.

जांच कराने पर डीइओ ने पाया है कि 12 शिक्षक अभ्यर्थियों का उक्त दोनों प्रमाण-पत्र फर्जी व अवैध है. इसे डीईओ ने गंभीरता से लिया है, उन्होंने सभी नियोजन इकाइयों को पत्र भेज उक्त 12 अभ्यर्थियों के नियोजन पर रोक लगाने के साथ ही प्राथमिकी कराने का भी निर्देश दिया है, विभाग से प्राप्त परीक्षाफल व वेबसाईट पर उपलब्ध परीक्षाफल के आधार पर जांच के बाद प्रमाण-पत्रों को फर्जी पाया गया है. खास बात यह कि इन फर्जी प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों में दो सहोदर भाई भी शामिल है. इनका प्रमाण में

जिन अभ्यर्थियों का टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी निकला है. उनमें क्रमश : सोनबरसा प्रखंड की मड़पा पंचायत नियोजन ईकाई की अभ्यर्थी प्रतिभा भारती, डुमरा प्रखंड नियोजन इकाई के अभ्यर्थी मो आलम अंसारी, नानपुर प्रखंड नियोजन इकाई के इजयामुल हक, परिहार प्रखंड नियोजन इकाई की रेणु कुमारी व पुष्पा कुमारी, सुरसंड नियोजन इकाई के सोहन राम व मोहन राम, बथनाहा प्रखंड नियोजन इकाई की इंदिरा कुमारी, किरण कुमारी व अनंत रंजन, परसौनी प्रखंड नियोजन इकाई की इशिका राय व नगर निगम नियोजन इकाई की अभ्यर्थी शवाना नाज शामिल है.

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