सर्दियों का मौसम था। अमन के साथ शिमला घूमने गई थी। दोनों पांच साल से एक दूसरे को डेट कर रहे थे। दोनों की जॉब भी लग गई थी। घर वाले शादी के लिए लड़का भी ढूंढ रहे थे, लेकिन कहीं बात नहीं बन पा रही थी। सब मेरा रंग देखकर रिजेक्ट कर देते थे

मैं खुश थी कि कम से कम अमन को मेरे रंग से फर्क नहीं पड़ता। मैं आंख बंद करके उस पर भरोसा करती थी। उस दिन हम दोनों बर्फबारी में भीग रहे थे। मैंने कहा- अमन अब हमें शादी कर लेनी चाहिए, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया।

होटल लौटने के बाद मैंने फिर से कहा- कब तक डेट करेंगे, घर वाले रिश्ता ढूंढ रहे हैं। अमन फिर से खामोश हो गया। मैंने उसके चेहरे पर हाथ फेरते हुए प्यार से पूछा- कुछ बोलते क्यों नहीं… उसने मेरा हाथ झटक दिया। कहा- दोस्ती तक तो ठीक है, पर तुम बीवी मटेरियल नहीं हो।’’

ये कहानी है नोएडा की रहने वाली 29 साल की किरण की। सांवले रंग की वजह से उनकी शादी नहीं हो पा रही। कई बार इंटरव्यू में रिजेक्ट कर दिया गया। किरण की तरह ही ढेरों ऐसी लड़कियां हैं, जो भले ही कितनी भी पढ़ी हों, नौकरी कर रही हों, लेकिन सांवले रंग से उनका पीछा नहीं छूट रहा। आज ब्लैकबोर्ड सीरीज में कहानी इन्हीं लड़कियों की…

Input: Dainik Bhaskar

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